अमेरिका की सख्त टैरिफ नीतियों से प्रभावित भारत और ब्राजील अब आपसी सहयोग बढ़ाकर व्यापार को तीन गुना करने की तैयारी कर रहे हैं। नई दिल्ली में दोनों देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने ऊर्जा, रक्षा और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा की। इसका उद्देश्य अमेरिकी टैरिफ का असर कम करना और नई वैश्विक रणनीति तैयार करना है।
India Brazil Trade: नई दिल्ली में इस हफ्ते भारत और ब्राजील के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों की बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और जैव ईंधन जैसे सेक्टरों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। अमेरिका की सख्त टैरिफ नीतियों से प्रभावित भारत और ब्राजील मिलकर अपने व्यापार को तीन गुना करने और 12 अरब डॉलर से अधिक तक ले जाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। यह कदम ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के असर को कम करने और दोनों देशों की आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है।
अमेरिका की नीतियों से हुए नुकसान
डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति ने भारत और ब्राजील के कई प्रोडक्ट्स पर भारी टैरिफ लगाए हैं। इस वजह से दोनों देशों के निर्यात को सीधे तौर पर नुकसान हुआ है। भारत के कुल निर्यात का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका जाता है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण और दवाओं का बड़ा योगदान है। ब्राजील का अमेरिका निर्यात लगभग 12 प्रतिशत है, जिसमें बीफ और स्टील शामिल हैं। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को झटका लगा है और नए बाजारों की तलाश जरूरी हो गई है।
नई दिल्ली में रणनीतिक बैठक
नई दिल्ली में आयोजित बैठक में भारत और ब्राजील के सरकारी अफसरों और बिजनेस नेताओं की मौजूदगी है। ब्राजील की टीम की अगुवाई उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन कर रहे हैं। उनके साथ पेट्रोब्रास, वेल SA और BRF SA जैसी बड़ी कंपनियों के अधिकारी भी शामिल हैं। बैठक का उद्देश्य केवल औपचारिक बातचीत नहीं, बल्कि दीर्घकालिक साझेदारी और आपसी व्यापार को बढ़ावा देना है।
दोनों देश कृषि, बायोफ्यूल और रक्षा क्षेत्र में मजबूत सहयोग पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही 2004 के ‘मरकोसुर-भारत’ व्यापार समझौते को और प्रभावी बनाने पर भी चर्चा हो रही है। इसका मकसद व्यापार और निवेश के नए रास्ते खोलना है।
भारत-ब्राजील का साझेदारी मॉडल
ब्राजील ने पहले ही अपने कुछ प्रोडक्ट्स का रुख अमेरिका से हटाकर अर्जेंटीना और चीन की ओर किया है। लेकिन दोनों देश मानते हैं कि सबसे ज्यादा अवसर भारत में हैं। इसलिए ब्राजील भारत के साथ व्यापारिक और रणनीतिक संबंध मजबूत करने में जुट गया है।
दोनों देशों की कोशिश है कि टैरिफ का असर कम हो और आपसी व्यापार तीन गुना बढ़ाया जाए। इस रणनीति से न केवल आर्थिक नुकसान से बचा जा सकेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर दोनों देशों की स्थिति भी मजबूत होगी।