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छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन संवाद’: CM विष्णुदेव साय ने जिलों के नवाचार और डिजिटल गवर्नेंस को लेकर दिए अहम निर्देश

छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन संवाद’: CM विष्णुदेव साय ने जिलों के नवाचार और डिजिटल गवर्नेंस को लेकर दिए अहम निर्देश

मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, विभागीय सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिलों के नवाचारों को जनसेवा केंद्रित बनाने, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के सख्त पालन, और डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। यह कार्यक्रम मंत्रालय के महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, विभागीय सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सख्त रुख

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवाचार दीर्घकालिक, व्यवहारिक और नागरिक सुविधा बढ़ाने वाले होने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवाचार तुगलकी प्रयोग न बनें, बल्कि जनता के जीवन को सरल बनाने और शासन की फ्लैगशिप योजनाओं को सहयोग देने वाले हों। उन्होंने कहा कि नवाचारों में जन प्रतिक्रिया और फीडबैक शामिल होना चाहिए ताकि उनकी स्थायित्व और उपयोगिता सुनिश्चित हो सके। उनका उद्देश्य यह है कि नवाचार पारदर्शिता और जनता की सेवा में वृद्धि करें।

मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को सरकार की महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि सभी सेवाएं निर्धारित समय में गुणवत्तापूर्ण रूप से दी जाएं, और यदि देरी होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि अगली समीक्षा में समय पर निराकरण और कार्रवाई का आंकलन किया जाएगा।

कार्यालयीन अनुशासन और ई-ऑफिस प्रणाली

सीएम साय ने कहा कि कार्यालयों में पुराने और अनुपयोगी दस्तावेज हटाने की पहल सराहनीय है। उन्होंने सभी कलेक्टरों से कहा कि अपने कार्यालयों को व्यवस्थित करें ताकि पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़े। उन्होंने सभी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मैनुअल प्रक्रियाओं पर निर्भरता घटाकर लंबित फाइलों को डिजिटल माध्यम में लाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल युग में ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर अधिकाधिक सेवाएं उपलब्ध कराना और जनता में डिजिटल सेवाओं की जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक सेवा का डिजिटलकरण पारदर्शी शासन की दिशा में सबसे बड़ा कदम है।

शिकायत समाधान और फील्ड विजिट

सीएम साय ने कहा कि जनता की शिकायतों का त्वरित और पारदर्शी निराकरण प्रशासन की जिम्मेदारी है। कलेक्टर शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करें और डिजिटल माध्यम में उनके समाधान की स्थिति अपडेट करें। फील्ड विजिट को स्थायी प्रक्रिया बनाया जाए ताकि योजनाओं की वास्तविक स्थिति और आंकड़ों की बाजीगरी पर नियंत्रण सुनिश्चित हो।

कार्यक्रम में रायपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर और उदंती वन अभयारण्य के नवाचारों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री ने जिलों में हो रहे नवाचारों पर आधारित ‘कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया और अधिकारियों की सराहना की। जशपुर में महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत ‘जशप्योर’ उत्पाद अब पाँच राज्यों में बिक रहे हैं और बिक्री में 300% वृद्धि दर्ज की गई।

नारायणपुर में ‘डेटा प्लेटफॉर्म’ के माध्यम से नक्सल गतिविधियों की ट्रैकिंग। दंतेवाड़ा में ब्लॉकचेन तकनीक से 7 लाख भूमि अभिलेखों का डिजिटाइजेशन।रायपुर जिले में ‘टीम प्रहरी’ पहल के माध्यम से अवैध अतिक्रमण हटाने, यातायात सुधार और शिकायत निवारण में समन्वय स्थापित किया गया। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा, सुशासन कोई एक दिन का लक्ष्य नहीं, बल्कि निरंतर सुधार की प्रक्रिया है। हर अधिकारी को अपने भीतर से बदलाव लाना होगा। हमारे छोटे-छोटे प्रयास ही विकसित छत्तीसगढ़ की बड़ी तस्वीर बनाएंगे।

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