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भारत-चीन रिश्तों में सुधार पर बोले पूर्व सेना प्रमुख नरवणे – हम हमेशा अच्छे रिश्ते चाहते थे

भारत-चीन रिश्तों में सुधार पर बोले पूर्व सेना प्रमुख नरवणे – हम हमेशा अच्छे रिश्ते चाहते थे

पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने कहा कि भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार सकारात्मक संकेत है। उन्होंने सीमा विवाद पर बातचीत, व्यापार और निवेश बढ़ाने तथा उड़ान सेवा बहाली पर जोर दिया। नरवणे ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा से चीन के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता रहा है।

नई दिल्ली: पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे 21 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार उत्साहजनक है और इससे पारस्परिक सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे। नरवणे ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा से चीन के साथ अच्छे संबंध चाहता रहा है और मौजूदा पहल उसी दिशा में कदम है। उन्होंने सीमा विवाद पर संवाद, सीमा व्यापार की बहाली, निवेश प्रवाह और सीधी उड़ान सेवा शुरू करने को द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए अहम बताया।

नरवणे बोले: भारत-चीन रिश्ते बेहतर हो रहे

जनरल नरवणे ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि यह अच्छी बात है कि भारत-चीन संबंधों में सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ेगी, चीन भी भारत की सद्भावना का उसी तरह जवाब देगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर लगातार संवाद होना चाहिए। सीमा विवाद को बातचीत के जरिए हल करने की पहल को उन्होंने "सकारात्मक और व्यावहारिक" करार दिया।

सीमा विवाद सुलझाने पर बातचीत

नरवणे ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा को "सरहद" नहीं बल्कि "सीमा" मानना चाहिए, क्योंकि यह बातचीत और समाधान के लिए खुला विषय है। उनके अनुसार, 'कुछ हद तक लेन-देन संभव है और बातचीत के जरिए स्थायी समाधान निकाला जा सकता है।'

उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि हाल के हफ्तों में चीन के साथ राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई नई पहलें सामने आई हैं। यह न सिर्फ सीमा विवाद को सुलझाने में मदद करेगी बल्कि आपसी भरोसे को भी मजबूत करेगी।

भारत-चीन में व्यापार और निवेश पर सहमति

भारत और चीन ने हाल ही में ‘‘स्थिर और सहयोगात्मक संबंधों’’ की दिशा में कई कदम उठाने की घोषणा की है। इनमें सीमा व्यापार को फिर से खोलना, निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना और सीधी उड़ान संपर्क सेवा जल्द बहाल करना शामिल है।

जनरल नरवणे ने कहा कि ये कदम दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को नए स्तर पर ले जाएंगे। खासकर व्यापार और निवेश के क्षेत्र में उठाए गए फैसले आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।

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