मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार आज बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों और रणनीतियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। आयोग ने धन और बाहुबल के दुरुपयोग पर निगरानी, समन्वय और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के उपायों की समीक्षा की।
पटना। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज होती जा रही हैं, चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए गहन समीक्षा कर रहा है। आयोग ने रविवार को अपनी दो दिवसीय समीक्षा का दूसरा दिन शुरू किया, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की शीर्ष टीम ने बिहार के चुनावी परिदृश्य का आकलन किया।
चुनाव आयोग की समीक्षा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और उनकी टीम ने आज पटना में प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य चुनावों में धन और बाहुबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए उपायों का आकलन करना और उन्हें मजबूत करना है। आयोग ने आयकर विभाग, पुलिस और अन्य प्रवर्तन निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रणनीतियों की समीक्षा की, ताकि आगामी चुनावों में पारदर्शिता और अखंडता सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में अंतर-एजेंसी समन्वय बढ़ाने, सतर्कता बढ़ाने और सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय समन्वय की उच्च स्तरीय समीक्षा की गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपडेट
ईसीआई आज दोपहर 2 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इसमें आयोग प्रमुख बिहार में चुनाव तैयारियों की स्थिति, राजनीतिक दलों से प्राप्त फीडबैक और आगे की रूपरेखा के बारे में मीडिया को जानकारी देंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अब तक की तैयारियों का सारांश, मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उपाय और चुनाव में सुधार के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा शामिल होगी।
कल हुई थी बैठक
शनिवार को सीईसी ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू तथा डॉ. विवेक जोशी की टीम ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें भाजपा, कांग्रेस, जेडी(यू), आरजेडी, एलजेपी (रामविलास), आरएलजेपी, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआई(एमएल-लिबरेशन), बीएसपी, आम आदमी पार्टी और एनपीपी शामिल थे।
बैठक में सभी दलों को चुनाव को उत्सवपूर्ण और समावेशी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रेरित किया गया। राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के प्रयासों की सराहना की, विशेष रूप से गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) पूरा करने और मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए उठाए गए कदमों की।
राजनीतिक दलों की मांग
सभी दलों ने आयोग से छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने का अनुरोध किया और कम चरणों में चुनाव कराने के सुझाव दिए ताकि मतदान प्रतिशत बढ़ सके। इसके अलावा दलों ने प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने, समय पर डाक मतपत्रों की गिनती और मतदान के बाद पार्टी एजेंटों को फॉर्म 17सी अनिवार्य रूप से सौंपने जैसे सुधारों का स्वागत किया।
चुनाव आयोग की रणनीति
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि वह सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास कर रहा है। आयोग ने धन और बाहुबल के दुरुपयोग पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उपायों पर जोर दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग का मकसद न केवल चुनाव कराना है, बल्कि राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरी तरह सुरक्षित, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। इसके लिए आयोग राज्य और केंद्र की सभी एजेंसियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहा है।