अक्टूबर 2025 में भारत का IPO बाजार सक्रिय है। टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के बड़े IPO से $5 बिलियन से अधिक जुटाने की उम्मीद है। निवेशक प्रतिष्ठित कंपनियों में हिस्सेदारी के लिए उत्साहित हैं।
October IPO: भारत का IPO (Initial Public Offering) बाजार इस समय सक्रिय है और अक्टूबर में होने वाले शुरुआती सार्वजनिक निर्गम से लगभग $5 बिलियन से अधिक की राशि जुटाने की संभावना है। आने वाले हफ्तों में दो बड़े और प्रतिष्ठित IPO आम जनता के लिए खुलेंगे, जो भारतीय शेयर बाजार की क्षमता और निवेशकों की उत्सुकता को परखेंगे।
बड़े IPO की तैयारी
सबसे पहले, टाटा कैपिटल लिमिटेड का IPO निवेशकों के लिए खुलने वाला है। यह लगभग $1.7 बिलियन का IPO होगा और इसे 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक आम जनता के लिए खोला जाएगा। इसके शेयर 13 अक्टूबर को लिस्ट होंगे। यह पिछले साल हुंडई मोटर इंडिया के $3.3 बिलियन के रिकॉर्ड IPO के बाद सबसे बड़ा IPO माना जा रहा है।
दूसरा, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक खुलने वाला है और इसके शेयर 14 अक्टूबर को लिस्ट होंगे। यह IPO देश की बढ़ती खपत और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में हिस्सेदारी का अवसर देगा। इन दोनों IPO से निवेशकों को प्रतिष्ठित कंपनियों में हिस्सेदारी लेने का मौका मिलेगा।
निवेशकों और बाजार की प्रतिक्रिया
भारत में IPO का यह तेजी भरा दौर मुख्य रूप से कंपनियों द्वारा पूंजी जुटाने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के प्रयासों की वजह से आया है। इसके अलावा, घरेलू पूंजी प्रवाह और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने IPO की मांग को बढ़ाया है। पिछले नौ साल में IPO के प्रदर्शन ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है और वे बड़ी कंपनियों के IPO में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि टाटा और एलजी जैसे बड़े ब्रांड निवेशकों को आकर्षित करेंगे। हालांकि, पिछले अनुभवों के आधार पर, बड़े IPO के पहले दिन कुछ सावधानी बरतना जरूरी है। पिछले बड़े IPO जैसे हुंडई मोटर और LIC के शेयर पहले दिन गिरावट देख चुके हैं।
2025 में IPO का प्रदर्शन
तीसरी तिमाही तक, भारत में IPO से $11.2 बिलियन की राशि जुटाई जा चुकी है। इस प्रदर्शन के साथ भारत इस साल दुनिया के चौथे सबसे व्यस्त IPO बाजार के रूप में उभरा है। इसके बावजूद, भारत का $5.1 ट्रिलियन का शेयर बाजार इस साल अपेक्षाकृत धीमा रहा है। NSE Nifty 50 इंडेक्स इस साल केवल 5 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एशियाई शेयर बाजार की औसत वृद्धि 23 प्रतिशत रही।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि IPO में निवेशकों की रुचि बढ़ी है, भले ही कुल बाजार वृद्धि धीमी रही हो। निवेशक बड़ी कंपनियों के भरोसे और उनके ब्रांड वैल्यू के कारण IPO में भाग ले रहे हैं।
नियमों में बदलाव और निवेशकों की भागीदारी
IPO में तेजी लाने में नियामक बदलावों की भी भूमिका रही है। हाल ही में सेबी (SEBI) ने बड़े निजी फर्मों के लिए IPO प्रक्रिया आसान बनाई है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने IPO में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए लोन नियमों में ढील दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन बदलावों से आने वाले महीनों में IPO का उछाल जारी रहेगा। JPMorgan, JM Financial और Kotak Mahindra Capital ने अनुमान लगाया है कि बड़े और प्रतिष्ठित IPO निवेशकों को आकर्षित करेंगे।
निवेशकों के लिए रणनीति
निवेशकों के लिए अक्टूबर का माह खास महत्व रखता है। टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के IPO में निवेश करके वे न सिर्फ लाभ कमा सकते हैं बल्कि प्रतिष्ठित कंपनियों में हिस्सेदारी भी हासिल कर सकते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशक कंपनी की वित्तीय स्थिति, व्यवसाय मॉडल और मार्केट पोजिशन को ध्यान में रखकर निर्णय लें।
पहले दिन की हल्की गिरावट को देखते हुए निवेशकों को जल्दबाजी करने की बजाय सोच-समझकर निवेश करना चाहिए। बड़े ब्रांड्स और मजबूत वित्तीय स्थिति वाले IPO लंबी अवधि के निवेश के लिए अधिक भरोसेमंद साबित हो सकते हैं।
कंपनियों की पूंजी जुटाने की योजना
टाटा कैपिटल का IPO निवेशकों को टाटा समूह की वित्तीय सेवा इकाई में हिस्सेदारी का अवसर देगा। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO घरेलू खपत और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में निवेश करने का मौका प्रदान करेगा। इन IPO से कंपनियों को पूंजी मिलेगी, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार और विकास कर सकेंगी।
निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने भी IPO की सफलता सुनिश्चित की है। खुदरा और संस्थागत निवेशक दोनों सक्रिय हैं, जिससे मांग और शेयर मूल्य में स्थिरता बनी रहती है।