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Bihar: भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव की सदस्यता बहाल, हाई कोर्ट से मिली राहत

Bihar: भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव की सदस्यता बहाल, हाई कोर्ट से मिली राहत

भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली। अदालत ने उनकी सजा को रद्द कर दिया, जिसके बाद विधानसभा ने उनकी सदस्यता पूर्व प्रभाव से बहाल कर दी है।

BJP MLA Reinstated: पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) से बड़ी राहत मिलने के बाद अलीनगर विधानसभा सीट से भाजपा (BJP) विधायक मिश्री लाल यादव की विधानसभा सदस्यता को एक बार फिर बहाल कर दिया गया है। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पहले जारी की गई अयोग्यता संबंधी अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है और बहाली का आदेश पूर्व प्रभाव से लागू होगा। यह फैसला न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

क्या था मामला?

मारपीट से जुड़ा यह मामला वर्ष 2019 का है। दरभंगा जिले में एक व्यक्ति उमेश मिश्रा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 29 जनवरी 2019 को उनके घर के बाहर विधायक मिश्री लाल यादव और उनके कुछ साथियों ने उन पर हमला किया। मामला अदालत तक पहुंचा और दरभंगा की सांसद-विधायक विशेष अदालत (Special MP/MLA Court) ने विधायक को दोषी मानते हुए पहले तीन महीने की सजा सुनाई। इसके बाद इसी साल 27 मई को अदालत ने सजा को बढ़ाकर दो साल कर दिया। अदालत ने साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

सदस्यता हुई थी रद्द

सजा दो साल होने के बाद संविधान के प्रावधानों के तहत विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो गई थी। विधानसभा सचिवालय ने 20 जून 2025 को अधिसूचना जारी कर सदस्यता समाप्त करने की सूचना दी थी। यह फैसला कोर्ट के फैसले के आधार पर लिया गया था, जिसमें मिश्री लाल यादव को दोषी ठहराया गया था और सजा दी गई थी।

पटना हाई कोर्ट से मिली राहत

भाजपा विधायक ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इस मामले में अधीनस्थ अदालत और अपीलीय अदालत दोनों के फैसलों को रद्द कर दिया। इसके साथ ही आपराधिक अपील को स्वीकार कर लिया गया। इस फैसले के बाद अब विधायक को दोषमुक्त (acquitted) माना जा रहा है। इसी आधार पर विधानसभा सचिवालय ने पुरानी अधिसूचना को रद्द कर सदस्यता बहाल कर दी है।

क्या कहा गया है अधिसूचना में?

बुधवार को विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी नई अधिसूचना में साफ कहा गया है कि हाई कोर्ट के 18 जुलाई 2025 के आदेश के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस फैसले में निचली अदालत के फैसले और आपराधिक अपील को रद्द किया गया है। इसी के आलोक में 20 जून 2025 की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है और मिश्री लाल यादव की विधानसभा सदस्यता को पूर्व प्रभाव (retrospective effect) से बहाल कर दिया गया है।

न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव

पहले विधायक को केवल तीन महीने की सजा दी गई थी और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। लेकिन बाद में पीड़ित उमेश मिश्रा की अपील पर दरभंगा की विशेष अदालत ने सजा को बढ़ाकर दो साल कर दिया। यह निर्णय 27 मई 2025 को लिया गया था। इस निर्णय के खिलाफ मिश्री लाल यादव ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया।

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