बिहार में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और चुनाव की तारीखों की घोषणा कभी भी की जा सकती है। चुनाव से पहले ही नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
बेगूसराय: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नज़दीक आने के साथ ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘अर्बन नक्सल’ जैसी गतिविधियों का आरोप लगाया और पूर्व केंद्रीय मंत्री प. चिदंबरम के हालिया बयान को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
बिहार में चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और चुनाव आयोग से तारीखों की घोषणा किसी भी समय होने की संभावना है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हैं और बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है।
गिरिराज सिंह का राहुल गांधी पर हमला
पत्रकारों से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा कि जब राहुल गांधी जैसे नेता ‘अर्बन नक्सल’ के अंदाज में व्यवहार करते हैं, तो यह स्वाभाविक है कि कांग्रेस पार्टी के अन्य लोग भी इसी प्रकार के रुख अपनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता हमेशा देशहित से ऊपर वोट और पार्टी हित को प्राथमिकता देते आए हैं।
गिरिराज सिंह ने पूर्व वित्त मंत्री प. चिदंबरम के बयान का हवाला देते हुए कहा, “चिदंबरम साहब ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार कमजोर थी। यह बहुत देर से कहा गया, हुजुर आते-आते देर कर दी। उस समय सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी थी क्योंकि कांग्रेस पाकिस्तान को वोट का साधन मानती थी।
चिदंबरम के बयान पर भाजपा की प्रतिक्रिया
गिरिराज सिंह ने कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि देश बड़ा है या पार्टी बड़ी है या वोट बड़ा है। मनमोहन सिंह की सरकार अल्पमत की नहीं थी, लेकिन इच्छाशक्ति कमजोर थी। यदि उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होते, तो शायद ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई पहले ही की जा चुकी होती और पाकिस्तान पर प्रभावी कार्रवाई के लिए आज इंतजार नहीं करना पड़ता।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस हमेशा देशहित के मुकाबले वोट बैंक की राजनीति करती रही है और यही वजह है कि उनकी सरकारें रणनीतिक और निर्णायक कदम नहीं उठा पातीं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार चुनाव के पहले केंद्रीय नेताओं द्वारा इस तरह की बयानबाजी आम रणनीति का हिस्सा है। गिरिराज सिंह का यह हमला खासकर राहुल गांधी और कांग्रेस की आलोचना के लिए केंद्रित रहा, जिससे उनकी पार्टी के लिए मीडिया और जनसंपर्क में सक्रियता बढ़े।
चुनाव के नज़दीक आते ही नेता अपने विरोधियों पर हमला बोलकर मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। बिहार में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला जारी रहने वाला है। भाजपा के इस रुख से साफ है कि वह विपक्ष को कमजोर दिखाने और अपनी तैयारियों को मजबूत करने पर फोकस कर रही है।