बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता में मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित चेहरों को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। चुनावी माहौल में दो ताजा सर्वेक्षण ने यह साफ कर दिया है कि मुख्य मुकाबला नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच होने वाला है।
पटना: बिहार में आगामी विधान चुनाव से पहले कई सर्वे किए जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि जनता भविष्य में किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। अलग-अलग सर्वे के आंकड़े सामने आ रहे हैं, जो काफी चौंकाने वाले हैं। मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है। एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया है, जबकि इंडिया गठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव सीएम फेस हैं।
दो सर्वे के आंकड़ों के अनुसार जनता के बीच इन दोनों नेताओं की लोकप्रियता और अप्रियता को मापा गया है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि रेस में कोई तीसरा उम्मीदवार या अन्य विकल्प भी सामने आ सकता है या नहीं। आंकड़े बताते हैं कि जनता के बीच पसंद-नापसंद के पैटर्न के आधार पर चुनाव की दिशा तय होने वाली है।
Media Network का सर्वे
Media Network के ताजा सर्वे के मुताबिक, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को जनता ने मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा पसंद किया है। सर्वे में 30.5% लोगों ने तेजस्वी को अपनी पहली पसंद बताया। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 27.4% लोगों ने सीएम फेस के लिए चुना। इस सर्वे में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को 13%, और चिराग पासवान को 12% लोगों ने सीएम पद के लिए उपयुक्त माना।
दिलचस्प यह है कि 30.6% लोग फिर से एनडीए सरकार चाहते हैं, जिसमें नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने। इससे साफ होता है कि चुनावी रुझानों में मतदाताओं की सोच नेता और पार्टी दोनों पर आधारित है।
JVC सर्वे के नतीजे
दूसरे सर्वे JVC ओपिनियन पोल में जनता की प्राथमिकता थोड़ी अलग दिखी। इस सर्वे में 27% लोगों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के लिए चुना, जबकि तेजस्वी यादव को 25% लोगों का समर्थन मिला। प्रशांत किशोर इस सर्वे में भी लोकप्रिय रहे, 15% मतदाताओं ने उन्हें सीएम फेस के रूप में पसंद किया। वहीं चिराग पासवान को 11% और सम्राट चौधरी को 8% लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में चुना। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
चुनाव से पहले राजनीतिक तैयारी
चुनाव से पहले सभी दल अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। नीतीश कुमार की सरकार ने कई योजनाओं और घोषणाओं को लागू किया है, ताकि जनता में उनका सकारात्मक प्रभाव बना रहे।
- 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी गई है।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाई गई।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई नई घोषणाएं की गई हैं।
इन कदमों का मकसद है कि चुनाव में जनता का भरोसा और समर्थन मजबूत हो। दोनों सर्वे से पता चलता है कि जनता की राय में मुख्यमंत्री पद के लिए दो प्रमुख चेहरे हैं। हालांकि आंकड़े अलग-अलग हैं, लेकिन यह साफ है कि जनता अब केवल दल और पार्टी के आधार पर वोट नहीं करेगी, बल्कि नेता की व्यक्तिगत छवि, काम और नीतियों के आधार पर भी मतदान करेगी।