बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। कांग्रेस और सहयोगी दलों ने समर्थन जताया। सीट बंटवारे में कुछ आंतरिक मतभेद हैं, जबकि एनडीए ने भी अपने उम्मीदवारों और सीटों का फॉर्मूला अंतिम रूप दे दिया है।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में विपक्षी गठबंधन की रणनीति अब साफ हो गई है। कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है। पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि महागठबंधन भाजपा-जद(यू) गठबंधन के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाएगा और सीट बंटवारे पर बातचीत जारी है।
साथ ही, कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने भी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया। अनवर ने कहा कि दोनों गठबंधनों को अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तुरंत स्पष्ट करना चाहिए। विपक्ष ने तेजस्वी यादव पर सहमति जताई है, जबकि एनडीए ने पहले ही दोहराया है कि बिहार चुनाव में उनका मुख्यमंत्री चेहरा नीतीश कुमार होंगे।
सीट बंटवारे में महागठबंधन को आंतरिक चुनौतियाँ
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तय होने के बावजूद महागठबंधन को सीट बंटवारे में कई आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने गुरुवार देर रात अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 48 उम्मीदवार शामिल हैं। लेकिन सहयोगी दलों के बीच मतभेद बने हुए हैं।
विशेषकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी की नाराजगी चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार, सहनी प्रस्तावित सीट बंटवारे से संतुष्ट नहीं हैं। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने भी स्वीकार किया कि कुछ गलतियाँ हुई हैं और सीटों को समय रहते तय किया जाना चाहिए था।
एनडीए का सीट बंटवारा तय
वहीं, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपने सीट बंटवारे का फॉर्मूला अंतिम रूप दे दिया है। भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, एनडीए के अन्य सहयोगियों को भी चुनावी हिस्सेदारी मिली है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें आवंटित की गई हैं। एनडीए का यह फॉर्मूला चुनावी तैयारी और गठबंधन के भीतर संतुलन बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है।