चाणक्य नीति के अनुसार, अनैतिक तरीके से कमाया गया धन कभी स्थायी समृद्धि नहीं लाता। धोखा, चोरी या बेईमानी से अर्जित पैसा आर्थिक कठिनाइयाँ और मानसिक तनाव पैदा करता है। आचार्य चाणक्य सिखाते हैं कि केवल नैतिक और न्यायपूर्ण तरीकों से ही व्यक्ति धन, सम्मान और स्थायी सफलता प्राप्त कर सकता है।
Chanakya Niti: चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने स्पष्ट किया है कि अनैतिक तरीके से कमाया गया धन न तो स्थायी समृद्धि देता है और न ही सामाजिक सम्मान। भारत में जीवन और अर्थशास्त्र पर आधारित उनके नीतिशास्त्र में धोखा, चोरी और बेईमानी से कमाया गया पैसा आर्थिक और मानसिक दृष्टि से हानिकारक माना गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सही और न्यायपूर्ण तरीकों से अर्जित धन व्यक्ति को स्थायी सफलता और संतुष्टि प्रदान करता है। यह सीख हर व्यक्ति के लिए धन अर्जन में नैतिकता बनाए रखने की चेतावनी है।
अनैतिक तरीके से कमाया गया धन
चाणक्य नीति के अनुसार, नियम-कानून तोड़कर या अनैतिक तरीकों से कमाया गया धन कभी बरकत नहीं लाता। रिश्वत लेना, दूसरों को बेईमानी से हानि पहुँचाना या बिना कारण पैसे लेना अनैतिक धन के रूप में माना जाता है। ऐसे तरीकों से कमाया गया पैसा व्यक्ति को आर्थिक और मानसिक दोनों दृष्टि से कमजोर बना सकता है। इसलिए हमेशा नैतिक और उचित मार्ग अपनाकर ही धन अर्जित करना चाहिए।
धोखा देकर कमाया गया धन
किसी को धोखा देकर धन कमाना भी लाभकारी नहीं माना गया। चाणक्य के अनुसार, ऐसा धन मानसिक तनाव पैदा करता है और अगर धोखे का खुलासा हो जाए तो व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ता है। इस प्रकार, धोखा देकर कमाया गया धन स्थायी समृद्धि नहीं दे सकता और इसे अर्जित करने का प्रयास करना हानिकारक साबित होता है।
चोरी से कमाया गया धन
आचार्य चाणक्य का मानना है कि चोरी से कमाया गया धन न तो आत्मिक संतुष्टि देता है और न ही समाज में सम्मान दिलाता है। चोरी करने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे आर्थिक रूप से कमजोर होता जाता है और उसकी स्थिति में सुधार करना कठिन हो जाता है।
चाणक्य नीति का श्लोक
अन्यायोपार्जितं द्रव्यं दश वर्षाणि तिष्ठति। प्राप्ते एकादशे वर्षे समूलं च विनश्यति।।
इस श्लोक के अनुसार अन्याय, बेईमानी और गलत तरीकों से कमाया गया धन केवल दस वर्षों तक टिकता है। इसके बाद ग्यारहवें वर्ष में यह धन पूरी तरह नष्ट हो जाता है। यह स्पष्ट करता है कि अनुचित तरीके से अर्जित पैसा कभी स्थायी समृद्धि नहीं ला सकता।
चाणक्य नीति हमें यह सिखाती है कि धन अर्जित करते समय नैतिकता और ईमानदारी का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। केवल सही और न्यायपूर्ण तरीकों से ही व्यक्ति जीवन में स्थायी समृद्धि और सामाजिक सम्मान प्राप्त कर सकता है।