छठ पूजा 2025 सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित एक प्रमुख हिंदू पर्व है, जिसे स्वास्थ्य, समृद्धि और संतान की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है। इस चार दिवसीय पर्व में श्रद्धालु निर्जला व्रत रखते हैं और डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। पूजा में ठेकुआ, गन्ना, पान-सुपारी, गागर नींबू और नारियल जैसी पांच चीजें अनिवार्य मानी जाती हैं।
Chhath Puja: छठ पूजा एक चार दिवसीय हिंदू पर्व है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में कार्तिक महीने में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है और परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और संतान के दीर्घायु के लिए किया जाता है। श्रद्धालु इस दौरान निर्जला व्रत रखते हैं और डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। पूजा में ठेकुआ, गन्ना, पान-सुपारी, गागर नींबू और नारियल जैसी पांच चीजें पूजा को पूरी करती हैं और धार्मिक परंपरा को सशक्त बनाती हैं।
छठ पूजा का महत्व और परंपरा
छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आस्था, भक्ति और परिवारिक एकता का प्रतीक भी है। इस पर्व में श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया से स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं। पूजा के दौरान ठेकुआ, गन्ना, पान-सुपारी, गागर नींबू और नारियल जैसी पांच चीजों का विशेष महत्व है। ये पांच सामग्री न केवल पूजा को पारंपरिक रूप से पूर्ण बनाती हैं, बल्कि छठ पूजा की धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजती हैं।
1. ठेकुआ
छठ पूजा में ठेकुआ का महत्व अत्यधिक है। यह गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनाया जाता है और सूर्य देव तथा छठी मैया को अर्पित किया जाता है। ठेकुआ सिर्फ एक प्रसाद नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इसे बनाते और वितरित करते समय लोग एकता और सामूहिकता का अनुभव करते हैं। ठेकुआ की महत्ता इस पर्व में इतनी है कि इसे बिना शामिल किए पूजा अधूरी मानी जाती है।
2. गन्ना
गन्ना छठ पूजा का दूसरा आवश्यक हिस्सा है। मान्यता है कि गन्ना छठी मैया को अत्यंत प्रिय है और इसे चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं। यह केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि इसे रखने से परिवार में मिठास और सौहार्द की भावना बनी रहती है। गन्ने की उपस्थिति पूजा स्थल को सजाती है और श्रद्धालुओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
3. पान-सुपारी
छठ पूजा में पान और सुपारी भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। सुपारी को देवी-देवताओं का वास माना जाता है और यह पूजा को पूर्णता प्रदान करती है। पान और सुपारी के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है क्योंकि यह धार्मिक नियमों और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा हैं। श्रद्धालु इसे सावधानीपूर्वक तैयार करते हैं और पूजा में अर्पित करते हैं।
4. गागर नींबू या बड़ा नींबू
गागर नींबू या डाभ नींबू छठ पूजा में विशेष महत्व रखता है। इसे बांस के सूप या डाली में रखा जाता है और यह सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। यह पूजा में प्राकृतिक तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए अनिवार्य माना जाता है। नींबू का उपयोग न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए, बल्कि श्रद्धालुओं के जीवन में स्वास्थ्य और सुख-शांति के प्रतीक के रूप में भी किया जाता है।
5. नारियल
छठ पूजा में नारियल या श्रीफल का महत्व अत्यंत है। इसे भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा में पवित्र और शुभ माना जाता है। नारियल में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इसे चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। नारियल का प्रयोग अहंकार त्यागने और बुद्धि-विकास का प्रतीक भी माना जाता है।
छठ पूजा का चार दिवसीय कार्यक्रम
छठ पूजा चार दिन तक मनाई जाती है। पहला दिन नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालु शुद्धता और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में स्नान करते हैं और व्रत का प्रारंभ करते हैं। दूसरा दिन खरना होता है, जिसमें व्रती दिनभर निर्जला रहते हुए रात को हलवा, ठेकुआ और फल ग्रहण करते हैं। तीसरा दिन संध्या अर्घ्य के रूप में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अंतिम दिन उषा अर्घ्य के दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इस पूरे कार्यक्रम में उपर बताए गए पांच चीजों का विशेष महत्व है।
पूजा की भक्ति और सामाजिक संदेश
छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यह पर्व परिवार के सदस्य और समुदाय को एकत्रित करता है। ठेकुआ बनाना, गन्ना सजाना, नारियल और नींबू का प्रयोग सभी में सहयोग और साझा भावना को बढ़ाता है। साथ ही यह बच्चों और युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ता है और धार्मिक शिक्षाओं का संवहन करता है।