एक्सपर्ट्स और WHO के अनुसार 5 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप देना सुरक्षित नहीं है। इसमें मौजूद Dextromethorphan और जहरीले तत्व जैसे Diethylene Glycol, Ethylene Glycol बच्चों के नर्वस सिस्टम, किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। छोटे बच्चों में खांसी और सर्दी के लिए प्राकृतिक उपाय और डॉक्टर की सलाह वाली दवा ही उपयोग करें।
Cough syrup: बदलते मौसम में बच्चों में खांसी और सर्दी आम हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स और WHO का कहना है कि 5 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप देना खतरनाक हो सकता है। डेक्सट्रोमेथॉर्फन और जहरीले तत्व जैसे Diethylene Glycol, Ethylene Glycol सिरप में शामिल होने पर बच्चों के नर्वस सिस्टम, किडनी और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए छोटे बच्चों में सिरप की जगह घरेलू उपाय, पर्याप्त पोषण, नींद और डॉक्टर की निगरानी वाली दवा ही दी जानी चाहिए।
कफ सिरप के प्रकार और उनका असर
कफ सिरप मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। ड्राई कफ सिरप सूखी खांसी को दबाने के लिए काम करता है। वहीं वेट कफ सिरप बलगमी खांसी में बलगम को पतला करके उसे बाहर निकालने में मदद करता है। कई सिरप में Dextromethorphan नामक घटक होता है, जो दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो खांसी के सिग्नल भेजता है।
हालांकि, छोटे बच्चों में अधिक मात्रा में लेने पर यह नर्वस सिस्टम, सांस लेने की क्षमता और कभी-कभी दिल पर भी असर डाल सकता है। वहीं, एक्सपेक्टोरेंट तत्व बलगम को पतला करके खांसी को सहज करता है। इन सिरप में कुछ केमिकल और प्रिज़र्वेटिव्स जैसे Diethylene Glycol, Ethylene Glycol भी शामिल होते हैं। अगर इन्हें सुरक्षित मात्रा से अधिक लिया जाए तो ये बच्चों की किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, WHO की राय है कि पांच साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप देना आमतौर पर सुरक्षित नहीं है। छोटे बच्चों में Dextromethorphan खांसी के सिग्नल को प्रभावित करते हुए सांस लेने में दिक्कत, चक्कर, उल्टी और बेहोशी पैदा कर सकता है। वहीं Diethylene Glycol और Ethylene Glycol जैसे जहरीले तत्व किडनी और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सिरप में शामिल प्रिज़र्वेटिव्स और स्वीटनिंग एजेंट्स भी लंबे समय तक या अधिक मात्रा में लेने पर पेट की समस्या, एलर्जी और अन्य अंगों पर असर डाल सकते हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स और WHO की सलाह है कि छोटे बच्चों में सिरप की बजाय प्राकृतिक उपाय और डॉक्टर की निगरानी वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाए।
प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय
छोटे बच्चों में खांसी और सर्दी के लिए कुछ घरेलू और सुरक्षित उपाय अपनाए जा सकते हैं। इनमें गरम पानी और भाप लेना, पर्याप्त पोषण देना और बच्चों को पर्याप्त नींद देना शामिल है। ये उपाय बच्चों को आराम पहुंचाने के लिए प्राथमिक उपचार माने जाते हैं।
सावधानी के उपाय
- पांच साल से छोटे बच्चों को ओवर-द-काउंटर कफ सिरप न दें।
- कफ सिरप हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- सिरप पर लिखी सुरक्षित मात्रा का पालन करें।
- छोटे बच्चों के लिए विशेष रूप से जहरीले केमिकल जैसे Diethylene Glycol और Ethylene Glycol से बने सिरप से बचें।
- सिरप के इस्तेमाल के बाद यदि उल्टी, चक्कर या सांस की दिक्कत जैसी असामान्य स्थिति दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्यों है यह महत्वपूर्ण
छोटे बच्चों का शरीर और नर्वस सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता। इसलिए उनकी दवाओं पर प्रतिक्रिया वयस्कों की तुलना में अलग और संवेदनशील हो सकती है। गलत मात्रा या जहरीले तत्वों वाला सिरप लेने से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। हालिया घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिरप का असर बच्चों में कितना गंभीर हो सकता है।