केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹4,594 करोड़ के निवेश से चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इनमें दो इकाइयां ओडिशा, एक पंजाब और एक आंध्र प्रदेश में लगेंगी। भुवनेश्वर में SiCSem का सिलिकॉन कार्बाइड प्लांट सबसे बड़ा निवेश ₹2,066 करोड़ का होगा, जो रक्षा, अंतरिक्ष और रेलवे जैसे क्षेत्रों में उपयोगी होगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अगस्त 2025 को ₹4,594 करोड़ के निवेश वाले चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। इनमें दो ओडिशा, एक पंजाब और एक आंध्र प्रदेश में स्थापित होंगे। भुवनेश्वर में SiCSem का ₹2,066 करोड़ का सिलिकॉन कार्बाइड प्लांट उच्च तापमान सहन क्षमता और रक्षा, अंतरिक्ष, दूरसंचार, रॉकेट एवं रेलवे इंजनों में उपयोग के लिए अहम होगा। अन्य प्रोजेक्ट्स में HIPSPL (₹1,943 करोड़, ओडिशा), CDIL (₹117 करोड़, पंजाब) और ASIP (₹468 करोड़, आंध्र प्रदेश) शामिल हैं।
ओडिशा में दो बड़े प्रोजेक्ट
ओडिशा के भुवनेश्वर में दो सेमीकंडक्टर यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। पहला प्रोजेक्ट SiCSem प्राइवेट लिमिटेड का होगा, जिसमें 2,066 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह प्लांट सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर बनाएगा। इसकी सालाना क्षमता SiC आधारित फैब्रिक में 60 हजार वेफर और ATMP (असेंबली, टेस्ट, मार्किंग और पैकेजिंग) में 96 मिलियन यूनिट होगी।
दूसरा प्रोजेक्ट हेटेरोजेनियस इंटीग्रेशन पैकेजिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (HIPSPL) का होगा, जो भी भुवनेश्वर में लगेगा। इस पर 1,943 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यहां सालाना 70 हजार ग्लास पैनल, 50 मिलियन ATMP यूनिट और 13 हजार 3DHI मॉड्यूल बनाए जाएंगे।
मोहाली को मिलेगा नया सेमीकंडक्टर हब
पंजाब के मोहाली में कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CDIL) का सेमीकंडक्टर प्लांट लगाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 117 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसकी क्षमता 158 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष होगी। मोहाली पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक जाना-पहचाना केंद्र है, ऐसे में यह यूनिट यहां के उद्योग को और मजबूती देगी।
आंध्र प्रदेश में भी बढ़ेगा सेमीकंडक्टर उत्पादन
आंध्र प्रदेश में एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (ASIP) का प्लांट लगाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 468 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इसकी क्षमता 96 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष होगी। दक्षिण भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह एक अहम जोड़ साबित होगा।
सेमीकंडक्टर बाजार का बढ़ता आकार
उद्योग के अनुमानों के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार तेजी से बढ़ रहा है। साल 2023 में यह बाजार लगभग 38 अरब डॉलर का था, जो 2024-25 में 45 से 50 अरब डॉलर के बीच पहुंचने का अनुमान है। 2030 तक इसके 100 से 110 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में भारत में चिप और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मांग दोगुने से भी ज्यादा बढ़ने वाली है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर यह मंजूरी देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अब तक भारत सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए काफी हद तक अन्य देशों पर निर्भर रहा है, खासकर ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन पर। इन नए प्रोजेक्ट्स के शुरू होने से देश में चिप मैन्युफैक्चरिंग का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
रोजगार और तकनीकी विकास में मदद
इन चारों प्रोजेक्ट्स से सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान और स्किल्स देश में विकसित होंगे। सेमीकंडक्टर तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल करने से देश की टेक इंडस्ट्री को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।