मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद पंजाब सरकार ने Coldrif कफ सिरप पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया। सिरप में विषैला डाईइथीलीन ग्लाइकॉल पाया गया। बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूरी तरह रोक लागू की गई है।
Coldrif Cough Syrup Banned: मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद पंजाब सरकार ने कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने आदेश जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की ड्रग टेस्टिंग लैबोरेट्री ने इस सिरप में diethylene glycol (DEG) पाया है, जो एक विषैला रसायन है। आदेश में स्पष्ट किया गया कि यह सिरप 'नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी' है। इसके चलते पंजाब में इसकी बिक्री, वितरण और उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।
MP में हुई बच्चों की मौत
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इस सिरप के सेवन से कई मासूम बच्चों की जान जा चुकी है। जांच में पाया गया कि सिरप में 48.6% डाईइथीलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद था, जो किडनी फेलियर और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहा था। इसके बाद राज्यों में सुरक्षा कदम उठाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए इस सिरप को प्रतिबंधित करना जरूरी बताया।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
बच्चों की मौत और जहरीले सिरप की बिक्री के मामले में वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि पूरे मामले की गहन जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या CBI के जरिए की जाए। याचिका में यह भी कहा गया कि जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराई जाए ताकि निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
जांच और सुरक्षा उपायों की मांग
याचिका में विशेष रूप से यह मांग की गई है कि डाईइथीलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसी विषैली दवाओं की बिक्री पर सख्त निगरानी की जाए। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में दर्ज FIR को एकत्र करके केंद्रीय स्तर पर जांच की जाए। विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाएं, उनके उत्पादन को तुरंत बंद किया जाए और सभी उत्पाद बाजार से वापस मंगवाए जाएं। साथ ही ड्रग रिकॉल पॉलिसी (drug recall policy) बनाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
केंद्र और राज्य सरकारों की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने छह राज्यों में 19 दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर जोखिम आधारित निरीक्षण (risk-based inspection) शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को नोटिस जारी कर तत्काल जांच और नकली दवाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।