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धनबाद में बारिश के दौरान जर्जर बीसीसीएल मकान ढहने से 3 बच्चों की मौत, 3 गंभीर घायल

धनबाद में बारिश के दौरान जर्जर बीसीसीएल मकान ढहने से 3 बच्चों की मौत, 3 गंभीर घायल

ग्वालियर में नाबालिग कार चालक ने काली फिल्म चढ़ी कार से करीब 300 मीटर तक तांडव मचाया, 10 वाहनों को टक्कर दी और 15 लोग घायल हुए। ट्रैफिक जवान बोनट पर लटक गए, पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार किया।

धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां बीसीसीएल का खाली पड़ा जर्जर आवास बारिश के दौरान ढह गया, जिसमें छह बच्चे दब गए। हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में भर्ती कराया गया है।

झरिया में जर्जर मकान गिरने से बच्चे दबे

स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह हादसा झरिया के लोदना ओपी क्षेत्र के 4 नंबर में हुआ। बच्चों की उम्र 8 से 10 साल के बीच बताई जा रही है। घटना के समय बच्चे लोदना 8 नंबर स्थित बीसीसीएल के खाली पड़े आवास के पास खेल रहे थे। अचानक बारिश शुरू हो गई, जिससे बच्चे बारिश से बचने के लिए जर्जर मकान में छिप गए।

मगर किस्मत का खेल यह था कि मकान की छत अचानक गिर गई और सभी बच्चे इसके नीचे दब गए। यह मकान पहले से ही काफी जर्जर हालत में था और बीसीसीएल द्वारा इसकी देखरेख नहीं की गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पहले ही इन जर्जर मकानों को सुरक्षित तरीके से ढहा दिया जाता, तो यह हादसा टल सकता था।

स्थानीय लोग और जेसीबी से बच्चों को बचाया

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की। आसपास से जेसीबी मशीन मंगाकर मलबा हटाया गया और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत एसएनएमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने तीन बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

मौके पर चीख-पुकार का माहौल था। लोग गुस्से और डर से भरे हुए थे। ग्रामीणों ने बीसीसीएल के प्रबंधकों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है।

मृतक और घायल बच्चों की जानकारी

हादसे में मारे गए तीन बच्चों में दो लड़के और एक लड़की शामिल हैं। घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर बचाव नहीं किया जाता, तो घायलों की संख्या भी बढ़ सकती थी।

स्थानीय लोग इस बात पर भी नाराज हैं कि बीसीसीएल ने इतने वर्षों से खाली पड़े जर्जर मकानों की सुरक्षा और निगरानी नहीं की। लोगों ने मांग की है कि बीसीसीएल ऐसे मकानों की नियमित जाँच करे और भविष्य में किसी भी बच्चे की जान को खतरा न हो।

पुलिस और विधायक ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और झरिया विधायक रागिनी सिंह भी मौके पर पहुंची। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और घायलों के उचित इलाज का निर्देश दिया। विधायक ने कहा कि पीड़ित परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

पुलिस ने घटना के संबंध में मुआवजे और बीसीसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जर्जर और खाली पड़े भवनों से दूर रहें, खासकर बारिश के मौसम में।

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