टाटा कैपिटल का बहुप्रतीक्षित ₹17,000 करोड़ का IPO अक्टूबर के पहले हफ्ते में खुलेगा। RBI की मंजूरी से समयसीमा बढ़ाई गई। कंपनी 47.58 करोड़ शेयर जारी करेगी, जिसमें नए शेयर और OFS दोनों शामिल होंगे। जुटाए गए फंड का इस्तेमाल टियर-1 कैपिटल मजबूत करने और लेंडिंग ग्रोथ में होगा।
Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल अब अक्टूबर के पहले हफ्ते में अपना करीब ₹17,000 करोड़ का IPO लाने जा रही है। पहले इसे 30 सितंबर तक लिस्ट होना था, लेकिन RBI की मंजूरी से समयसीमा बढ़ा दी गई। IPO के तहत 21 करोड़ नए इक्विटी शेयर और 26.58 करोड़ शेयर OFS विंडो से बेचे जाएंगे, जिसमें टाटा सन्स और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन अपनी हिस्सेदारी कम करेंगे। जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कंपनी पूंजी आधार (टियर-1 कैपिटल) बढ़ाने और लेंडिंग ग्रोथ में करेगी। जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा दोगुना होकर ₹1,041 करोड़ पर पहुंच गया है।
कब खुलेगा IPO
पहले टाटा कैपिटल को 30 सितंबर तक घरेलू स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना था। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने समय सीमा बढ़ाने की मंजूरी दी। अब कंपनी अक्टूबर के पहले हफ्ते में अपना IPO लेकर आएगी। सूत्रों के मुताबिक, तकनीकी और प्रोसेसिंग कारणों की वजह से RBI ने यह समय विस्तार दिया।
वैल्यूएशन में आया बड़ा उछाल
टाटा कैपिटल का IPO करीब 18,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर लाया जा रहा है। अप्रैल 2025 में जब कंपनी ने ड्राफ्ट फाइल किया था तब इसका वैल्यूएशन केवल 11 हजार करोड़ रुपये था। यानी कुछ ही महीनों में कंपनी की वैल्यूएशन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अब कंपनी लगभग 200 करोड़ डॉलर यानी ₹17 हजार करोड़ से अधिक की रकम जुटाने की तैयारी में है।
RBI से क्यों मिली मोहलत
RBI के नियमों के तहत सितंबर 2022 में टाटा कैपिटल को अपर-लेयर एनबीएफसी की श्रेणी में रखा गया था। इस श्रेणी में आने वाली कंपनियों को तीन साल के भीतर लिस्टिंग करना अनिवार्य होता है। इसलिए कंपनी को सितंबर 2025 तक लिस्ट होना था। हालांकि, बड़े आईपीओ को आमतौर पर अतिरिक्त समय मिल जाता है। जैसे एनएसडीएल के 4,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को भी सेबी ने चार महीने की अतिरिक्त मोहलत दी थी।
कितने शेयर होंगे जारी
अगस्त में फाइल किए गए ड्राफ्ट के अनुसार टाटा कैपिटल के IPO के तहत कुल 47.58 करोड़ शेयर जारी होंगे। इनमें से 21 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। जबकि 26.58 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत बेचे जाएंगे।
इस ओएफएस में टाटा कैपिटल की प्रमोटर कंपनी टाटा सन्स 23 करोड़ शेयर बेचेगी। वहीं, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) अपनी 3.58 करोड़ हिस्सेदारी बाजार में उतारेगी। फिलहाल टाटा सन्स की कंपनी में 88.6 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि आईएफसी की हिस्सेदारी 1.8 फीसदी है।
जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल
IPO से जुटाई गई रकम का अलग-अलग इस्तेमाल होगा। नए शेयरों से जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल टाटा कैपिटल अपनी टियर-1 कैपिटल बढ़ाने और लेंडिंग ग्रोथ को तेज करने के लिए करेगी। जबकि ऑफर फॉर सेल के जरिए मिलने वाली रकम शेयर बेचने वाले निवेशकों यानी टाटा सन्स और आईएफसी को जाएगी।
कंपनी की कारोबारी सेहत
टाटा कैपिटल की वित्तीय स्थिति इस समय बेहद मजबूत दिख रही है। कंपनी ने पिछले ही महीने सिंगापुर, लंदन, न्यूयॉर्क और हांगकांग जैसे बड़े वित्तीय हब्स में निवेशकों के लिए रोडशो किए। इन रोडशो में भारत समेत दुनिया भर के बड़े संस्थागत निवेशक शामिल हुए।
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2025 में कंपनी ने शानदार प्रदर्शन किया। इस तिमाही में टाटा कैपिटल का शुद्ध मुनाफा दोगुना बढ़कर 472 करोड़ रुपये से 1,041 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, कंपनी की कुल आय भी 6,557 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,692 करोड़ रुपये हो गई।