दिल्ली नगर निगम (MCD) स्कूलों में छात्रों के नामांकन बढ़ाने के लिए संपर्क अभियान शुरू करेगा। अभियान में शिक्षकों द्वारा मोहल्लों का दौरा कर अभिभावकों को नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अपने स्कूलों में छात्रों के नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष संपर्क अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत अभिभावकों और परिवारों को अपने बच्चों का नामांकन कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
एमसीडी स्कूलों में वर्तमान में लगभग 6.5 लाख छात्र पढ़ रहे हैं, लेकिन नगर निकाय का लक्ष्य इस संख्या को कम से कम एक लाख और बढ़ाना है। शिक्षा समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक स्कूल के दो शिक्षक साप्ताहिक दौरे करेंगे और मोहल्लों में जाकर परिवारों को नामांकन के लाभों के बारे में बताएंगे।
एमसीडी स्कूलों के लिए संपर्क अभियान की योजना
एमसीडी का यह संपर्क अभियान स्कूलों की छात्र संख्या में गिरावट को रोकने और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है। अभियान में शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे मुफ्त भोजन, वर्दी और स्टेशनरी जैसी सुविधाओं के बारे में लोगों को विस्तार से बताएं।
इसके अलावा, अधिक संख्या में छात्रों को नामांकन कराने वाले शिक्षकों को ‘निगम पुरस्कार’ भी प्रदान किया जाएगा। यह पहल न केवल स्कूलों की प्रतिष्ठा बढ़ाएगी बल्कि छात्रों और अभिभावकों के बीच एमसीडी स्कूलों के प्रति विश्वास भी मजबूत करेगी।
अभियान में शिक्षकों की जिम्मेदारी
अभियान के तहत, प्रत्येक स्कूल के शिक्षक शनिवार को विभिन्न क्लस्टरों और मोहल्लों का दौरा करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को यह समझाना है कि एमसीडी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा के अलावा, बच्चों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित वातावरण मिलता है।
शिक्षकों से उम्मीद की जा रही है कि वे व्यक्तिगत बातचीत और जानकारी के जरिए नामांकन प्रक्रिया को आसान और आकर्षक बनाएंगे। यह कदम एमसीडी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने की दिशा में अहम साबित होगा।
पिछले विवाद और निलंबन की घटनाएं
हाल ही में मंगोलपुरी स्थित एमसीडी स्कूल में चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। इनके खिलाफ विद्यालय परिसर में गंभीर कदाचार के आरोप लगे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में शिक्षकों को धूम्रपान, मद्यपान और अनुचित गतिविधियों में शामिल दिखाया गया था।
इस मामले में समय पर कार्रवाई न करने और लापरवाही बरतने के कारण प्रधानाचार्य को भी निलंबित किया गया। एमसीडी की सतर्कता और शिक्षा विभाग ने इस घटना की पूरी जांच की।