बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर रहने वाले सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने हाल ही में नई दिल्ली का दौरा नहीं करने का फैसला लिया है। वे आतंकवाद पर होने वाले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने वाले थे, लेकिन रणनीतिक कारणों से अब उन्होंने ऐसा नहीं करने का निर्णय लिया।
ढाका: बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने इस महीने नई दिल्ली आने वाले दो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग न लेने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम एक रणनीतिक निर्णय के तहत लिया गया है, ताकि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा किसी संभावित प्रतिक्रिया से बचा जा सके। जनरल जमान पहले 13 से 16 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित होने वाले दक्षिण एशिया आतंकवाद-रोधी सम्मेलन में भाग लेने वाले थे।
इसके अलावा, वे 14 से 16 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली में होने वाले संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदानकर्ता देशों (UNTCC) के वरिष्ठ नेताओं के सम्मेलन में भी शामिल होने वाले थे।
बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व अब अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी करेंगे
सूत्रों के अनुसार, अब जनरल जमान की जगह लेफ्टिनेंट जनरल मैनुर रहमान, जो बांग्लादेश आर्मी ट्रेनिंग एंड डॉक्ट्रिन कमांड (ARTDOC) के जनरल ऑफिस कमांडिंग (GOC) हैं, नई दिल्ली में होने वाले आतंकवाद-रोधी सम्मेलन और UNTCC बैठक में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि जनरल जमान का नई दिल्ली दौरा स्थगित करना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
वे बांग्लादेश के कट्टरपंथियों द्वारा किसी भी विवादास्पद आरोप या विरोध से बचना चाहते हैं। कुछ कट्टरपंथी बांग्लादेश के सैन्य नेतृत्व पर भारत और प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रति नरम रुख रखने का आरोप लगाते रहे हैं।
भारत-बांग्लादेश सेनाओं के संबंध
जनरल जमान की हालिया विदेश यात्रा मलेशिया की थी, जहां उन्होंने 22 से 27 सितंबर 2025 के बीच आयोजित हिंद-प्रशांत सेना प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग, साझा चुनौतियों का समाधान और संकट प्रबंधन को सुदृढ़ करना था। मलेशिया में आयोजित इस सम्मेलन में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और जनरल जमान के बीच बैठक की खबरें भी आई थीं। हालांकि, इस बैठक में हुई बातचीत की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नई दिल्ली में आतंकवाद-रोधी सम्मेलन से जनरल जमान का दूरी बनाना बांग्लादेश और भारतीय सेनाओं के बीच जारी संबंधों पर ध्यान आकर्षित न करने की एक रणनीतिक चाल है। यह कदम उस समय लिया गया है, जब ढाका और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं।
बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूह अक्सर सेना नेतृत्व पर दबाव डालते रहे हैं, खासकर भारत के साथ सैन्य सहयोग और द्विपक्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लेकर। विशेषज्ञों का मानना है कि जनरल जमान ने सुरक्षा और राजनीतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली दौरे को स्थगित किया है। लेफ्टिनेंट जनरल मैनुर रहमान का प्रतिनिधित्व करने से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बांग्लादेश का दृष्टिकोण सम्मेलन में पेश हो, लेकिन किसी भी विवाद या आंतरिक विरोध की संभावना को कम किया जा सके।