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दुबई मर्डर केस: पत्नी की हत्या के आरोपी सत्तार खान को CBI ने हैदराबाद से किया गिरफ्तार

दुबई मर्डर केस: पत्नी की हत्या के आरोपी सत्तार खान को CBI ने हैदराबाद से किया गिरफ्तार

सीबीआई ने हैदराबाद से 12 साल से फरार सत्तार खान को गिरफ्तार किया। उस पर यूएई में 2013 में अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है। आरोपी भारत में छिपकर रहा था और एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुआ।

हैदराबाद: सीबीआई ने यूएई में पत्नी की हत्या के आरोप में 12 वर्षों से फरार चल रहे सत्तार खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपी की उम्र लगभग 52 साल है और पेशे से वह ड्राइवर है। सत्तार खान पर आरोप है कि उसने 14 नवंबर 2013 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अपनी पत्नी की हत्या की थी। घटना के बाद वह भारत भाग आया और 12 साल तक फरार रहा।

सीबीआई ने बताया कि यूएई अधिकारियों के अनुरोध पर अप्रैल 2022 में भारत में इस मामले में केस दर्ज किया गया था। इसके बाद एजेंसी ने तकनीकी निगरानी और मानव-सूचना के आधार पर आरोपी की लोकेशन ट्रैक की और रंगारेड्डी जिले में उसे तलाशने के बाद गिरफ्तार किया।

सत्तार खान के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी

सीबीआई ने सत्तार खान के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था, लेकिन वह लंबे समय तक पकड़ में नहीं आया। जांच के दौरान एजेंसी को आरोपी का दूसरा पासपोर्ट मिला, जिसके आधार पर नया लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया।

सीबीआई की विशेष टीम ने हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब आरोपी दोहा भागने की कोशिश कर रहा था, तब उसे हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद सत्तार खान को हैदराबाद की स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे नई दिल्ली स्थित न्यायालय में ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया।

पत्नी की हत्या के बाद भारत लौटकर छिपा आरोपी

सत्तार खान पेशे से ड्राइवर था और यूएई में नौकरी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी और इसके बाद भारत लौटकर रंगारेड्डी जिले में छिप गया। आरोपी की गिरफ्तारी से यह मामला अब न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत पूरी तरह से ट्रैक पर आ गया है।

सीबीआई के बयान के मुताबिक, आरोपी के पास से मिले डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्यों ने उसकी साजिश और अपराध की सक्रिय भूमिका उजागर की है। इससे पहले भी एजेंसी ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामलों में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

हैदराबाद में सत्तार खान की गिरफ्तारी और जांच जारी

गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने बताया कि आरोपी के खिलाफ केस की आगे की जांच जारी है। एजेंसी ने कहा कि यह गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय अपराध और साइबर फ्रॉड की जांच में बड़ी सफलता मानी जा रही है। इसके साथ ही, विदेशों में बैठे अपराधियों और उनके सहयोगियों की पहचान करने में भी मदद मिली है।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी देश के भीतर वित्तीय चैनलों और नेटवर्क के जरिए विदेश में बैठे अपराधियों के संपर्क में था। इससे पता चलता है कि भारत में अपराधियों का नेटवर्क कितना संगठित और जटिल है।

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