मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी है। राज्य के 90 हजार से अधिक बूथों पर व्यवस्थाएं जांची गई हैं। आयोग एक चरण में चुनाव कराने पर विचार कर रहा है और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार इन दिनों दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं, जहां उन्होंने राज्य में चुनाव से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग की तैयारियों की जानकारी साझा की और मतदाताओं से लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
बिहार के मतदाताओं को CEC का संदेश
ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत बिहार के मतदाताओं को मैथिली में अभिवादन कर की। उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने त्योहारों को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं, वैसे ही लोकतंत्र के इस उत्सव को भी एक पर्व की तरह मनाया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें क्योंकि एक वोट लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में बड़ा कदम होता है।
90 हजार से ज्यादा बूथों पर तैयारियां पूरी
CEC ने बताया कि बिहार के 90,217 बूथ लेवल ऑफिसर ने ऐसा काम किया है जो पूरे देश के लिए उदाहरण बन सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व को गणतंत्र का रास्ता बिहार की धरती वैशाली ने दिखाया था और अब बूथ लेवल ऑफिसर लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में नई मिसाल कायम करेंगे।
कब होंगे विधानसभा चुनाव?
CEC के अनुसार, बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं और विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसलिए चुनाव इससे पहले ही कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारी सभी राजनीतिक दलों और जिला स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों से बैठक कर चुके हैं। आयोग जल्द ही चुनाव कार्यक्रम (Election Schedule) की आधिकारिक घोषणा करेगा।
एक चरण में हो सकता है चुनाव
CEC ने यह भी कहा कि आयोग इस बार चुनाव एक फेज में कराने पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस पर अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधा और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित किया जा सके।
बिहार से शुरू होगा चुनावी नवाचार
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार से कई नए नवाचारों की शुरुआत की जाएगी जो आगे चलकर पूरे देश में लागू होंगे।
- पहली बार Booth Level Agents (BLA) की ट्रेनिंग कराई गई है।
- दिल्ली में 700 बीएलए को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे मतदान प्रक्रिया को सुचारु बना सकें।
- एक बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर होंगे ताकि भीड़ कम हो और वोटिंग तेज़ी से हो सके।
- बूथ लेवल ऑफिसरों के लिए फोटो आईडी कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
मोबाइल जमा कर वोट डालने की सुविधा
CEC ने बताया कि हर मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन बूथ के बाहर जमा करने की व्यवस्था होगी। इससे मतदान के दौरान किसी तरह का व्यवधान नहीं होगा। लगभग 90 हजार पोलिंग बूथों पर यह सुविधा लागू की जाएगी।
मतदाताओं के लिए आसान होगी वोटिंग प्रक्रिया
उन्होंने कहा कि इस बार मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर स्लिप में बूथ नंबर बड़े अक्षरों में लिखा जाएगा ताकि मतदान केंद्र ढूंढने में परेशानी न हो। साथ ही, EVM मशीन पर प्रत्याशियों के रंगीन फोटो होंगे जिससे पहचान में आसानी होगी।
100 प्रतिशत वेब कास्टिंग और पारदर्शी व्यवस्था
CEC ने कहा कि इस बार हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत Web Casting की जाएगी। इससे मतदान प्रक्रिया की पूरी निगरानी की जा सकेगी। हर प्रत्याशी अपने बूथ से 100 मीटर की दूरी पर अपना कैंप लगा सकेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग इस बार 17 नए प्रयोग बिहार चुनाव में करने जा रहा है।
गिनती में होगी पारदर्शिता
अगर EVM की काउंटिंग में कोई भी गलती पाई जाती है तो सभी VVPAT की गिनती की जाएगी। इसके अलावा बैलेट वोट की गिनती भी अनिवार्य की गई है ताकि हर वोट की गिनती सुनिश्चित हो सके।
शिकायत की प्रक्रिया
CEC ने कहा कि मतदाता सूची बनाने की जिम्मेदारी ERO (Electoral Registration Officer) की होती है। बिहार के 243 ERO ने मिलकर मतदाता शुद्धिकरण का कार्य पूरा किया है। अगर किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं है तो वह जिला अधिकारी (DM) से अपील कर सकता है।
उन्होंने बताया कि हर मतदान केंद्र पर मतदान शुरू होने से पहले Mock Poll किया जाता है। इसमें प्रत्याशियों की मौजूदगी में मशीन का परीक्षण किया जाता है और परिणामों का मिलान VVPAT से किया जाता है।
उम्मीदवारों के लिए सख्त नियम
CEC ने बताया कि हर उम्मीदवार को अपने Criminal Record की जानकारी देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, चुनाव आयोग द्वारा तय की गई खर्च सीमा का पालन करना होगा। हर जिले में एक खर्च अधिकारी नियुक्त किया गया है जो उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की निगरानी करेगा।
जिन मतदाताओं के वोटर कार्ड में गलती पाई गई है या जिनकी एंट्री में बदलाव किया गया है, उन्हें सूची के फाइनल होने के 15 दिन के भीतर नया वोटर कार्ड भेज दिया जाएगा।
आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं
ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि Aadhaar Card नागरिकता का प्रमाण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट और आधार एक्ट के तहत भी आधार को न तो नागरिकता, न जन्मतिथि और न ही निवास का प्रमाण माना गया है। मतदान की पहली शर्त यही है कि व्यक्ति भारतीय नागरिक हो, उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और वह संबंधित बूथ क्षेत्र में निवास करता हो।
कटे हुए नामों की लिस्ट राजनीतिक दलों को सौंपी गई
CEC ने बताया कि जो मतदाता अपात्र पाए गए हैं, उनके नाम सूची से हटाए गए हैं। हालांकि, अगर किसी को इस पर आपत्ति है, तो वह जिला अधिकारी के पास आवेदन दे सकता है। सभी Political Parties को मतदाता सूची में कटे हुए नामों की पूरी लिस्ट दे दी गई है ताकि वे अपने BLA (Booth Level Agents) को नामित कर सकें।