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एनसी क्लासिक टूर्नामेंट: नीरज चोपड़ा का नया कीर्तिमान, 86.18 मीटर के थ्रो के साथ खिताब किया अपने नाम

एनसी क्लासिक टूर्नामेंट: नीरज चोपड़ा का नया कीर्तिमान, 86.18 मीटर के थ्रो के साथ खिताब किया अपने नाम

नीरज चोपड़ा ने एनी क्लासिक टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। पहली बार आयोजित हुए इस टूर्नामेंट में नीरज ने 86.18 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर जीत हासिल की।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपने शानदार खेल का लोहा मनवाते हुए एनसी क्लासिक टूर्नामेंट का पहला खिताब जीत लिया। बेंगलुरु में आयोजित इस नए टूर्नामेंट में नीरज ने सर्वश्रेष्ठ 86.18 मीटर का थ्रो फेंककर सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ दिया। उनकी यह दूरी टूर्नामेंट की अब तक की सर्वोत्तम रही और नीरज ने साबित कर दिया कि क्यों वह भारत के सबसे भरोसेमंद एथलीटों में गिने जाते हैं।

पहली बार आयोजित हुए एनसी क्लासिक में कुल पांच भारतीय एथलीटों ने हिस्सा लिया, जिनमें सचिन यादव, साहिल सिलवाल, रोहित यादव और यशवीर सिंह शामिल थे। हालांकि प्रतियोगिता में विदेशी एथलीटों ने भी दम दिखाया, लेकिन नीरज का अनुभव और आत्मविश्वास आखिरकार सबसे भारी पड़ा।

फाउल के बाद जबरदस्त वापसी

टूर्नामेंट की शुरुआत में नीरज का पहला थ्रो फाउल हो गया, जिससे दर्शकों में कुछ क्षणों के लिए सन्नाटा छा गया। लेकिन नीरज ने अपनी एकाग्रता कायम रखी और दूसरे प्रयास में शानदार वापसी करते हुए 82.99 मीटर का थ्रो फेंक दिया। इस थ्रो ने उन्हें शुरुआती बढ़त दिला दी, जिसके बाद तीसरे प्रयास में 86.18 मीटर का जबरदस्त थ्रो कर उन्होंने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली। नीरज के चौथे थ्रो में भी फाउल हुआ, लेकिन पांचवें प्रयास में उन्होंने 84.07 मीटर की दूरी तय की और अंत में छठे थ्रो में 82.22 मीटर का प्रयास किया।

कड़ा मुकाबला लेकिन नीरज सबसे आगे

प्रतियोगिता में केन्या के जूलियस येगो ने 84.51 मीटर का बेहतरीन थ्रो करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि श्रीलंका के रुमेश पथिरेज 84.34 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे। रुमेश ने शुरुआत में अच्छी बढ़त बनाई थी, लेकिन निर्णायक मौकों पर वह अपनी लय को कायम नहीं रख सके। दर्शकों के लिए यह मुकाबला रोमांच से भरपूर रहा और नीरज ने एक बार फिर साबित किया कि बड़े मंचों पर दबाव झेलने की उनकी क्षमता बेमिसाल है।

गौरतलब है कि एनसी क्लासिक का आयोजन पहले हरियाणा के पंचकुला में प्रस्तावित था, लेकिन तकनीकी कारणों और लाइटिंग सुविधाओं की कमी के चलते इसे बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया गया। बेंगलुरु में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतरीन दर्शक समर्थन ने टूर्नामेंट को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

इस टूर्नामेंट से पहले नीरज ने अपने कोच और जैवलिन इतिहास के महान खिलाड़ी जान जेलेजनी का सम्मान भी किया था। जेलेजनी 98.48 मीटर के विश्व रिकॉर्ड के साथ आज भी जैवलिन की दुनिया में एक आदर्श माने जाते हैं और नीरज उन्हें अपनी प्रेरणा मानते हैं।

ओलंपिक हीरो की चमक कायम

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतकर भारतीय खेल इतिहास में जगह बनाई थी, और हाल ही में पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल अपने नाम कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। एनसी क्लासिक में उनके प्रदर्शन ने दिखा दिया कि ओलंपिक के बाद भी उनका फॉर्म बरकरार है, और वह लगातार नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।

इस टूर्नामेंट में नीरज के अलावा भारतीय खिलाड़ियों ने भी अच्छी चुनौती दी। सचिन यादव, रोहित यादव, साहिल सिलवाल और यशवीर सिंह ने अपनी तकनीक और ताकत का बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे देश में जैवलिन खेल को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन से यह संकेत मिलता है कि भारत में भाला फेंक का भविष्य उज्ज्वल है।

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