राजस्थान के हनुमानगढ़ में नायब तहसीलदार नरेंद्र साहू ने अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शनिवार सुबह उनका शव पंखे से लटका मिला। वे भादरा उपखंड कार्यालय में तैनात थे और अपने सहयोगियों के जाने के बाद अकेले रह रहे थे। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
हनुमानगढ़: राजस्थान में भादरा उपखंड कार्यालय के नायब तहसीलदार नरेंद्र साहू ने शनिवार सुबह अपने सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली। उनका शव कमरे के पंखे से लटका मिला। साहू चूरू जिले के तारानगर के रहने वाले थे और हाल ही में अपने सहयोगियों के जाने के बाद अकेले रह रहे थे। उन्होंने सुबह 6 बजे एक लॉअर डिवीजन क्लर्क से बात की थी और इसके लगभग डेढ़ घंटे बाद उनका शव मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा और आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
आत्महत्या की घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, शनिवार सुबह करीब 7:30 बजे एक घरेलू सहायिका ने नायब तहसीलदार का शव पंखे से लटका हुआ देखा। महिला की चीख सुनकर उनके ड्राइवर और अन्य लोग तुरंत कमरे में पहुंचे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल मोर्चरी भेज दिया।
तैनाती और कार्यक्षेत्र
नरेंद्र साहू चूरू जिले के तारानगर के निवासी थे और लगभग एक साल से भादरा उपखंड कार्यालय में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे। पुलिस ने बताया कि वह अपने आवास पर इस समय अकेले थे। उनके सहयोगी कर्मचारी किसी पारिवारिक कारण से गांव चले गए थे, जिससे वह अकेले रह रहे थे।
घटना के दिन सुबह लगभग 6 बजे नरेंद्र साहू ने अपने लॉअर डिवीजन क्लर्क से बात की थी। उन्होंने खाद और टोकन वितरण की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो। इसके कुछ समय बाद उनका शव उनके कमरे से मिला।
आत्महत्या का कारण अज्ञात
पुलिस ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की। उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। जांच में पुलिस इस बात की तलाश में है कि आत्महत्या के पीछे क्या कारण था।
पुलिस की कार्रवाई
मौके पर पहुंची पुलिस ने पूरी घटनास्थल की छानबीन की और आसपास के लोगों से जानकारी जुटाई। पोस्टमार्टम के बाद ही अंतिम कारणों का पता चल सकेगा। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं कोई बाहरी दबाव या मानसिक तनाव का प्रभाव तो नहीं था।
यह घटना जिले में एक गंभीर सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की चेतावनी के रूप में सामने आई है। जांच अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि नायब तहसीलदार ने अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया।