भारतीय अंडर-19 टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की यूथ वनडे सीरीज भले ही 3-2 से अपने नाम कर ली हो, लेकिन अंतिम मुकाबले में टीम इंडिया को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
सपोर्ट्स न्यूज़: भारतीय अंडर-19 टीम को पांचवें और अंतिम यूथ वनडे मुकाबले में इंग्लैंड अंडर-19 टीम के हाथों 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और निर्धारित 50 ओवर में नौ विकेट खोकर 210 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए मात्र 37.1 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया और 113 गेंदें शेष रहते मुकाबला अपने नाम कर लिया। हालांकि यह मैच हारने के बावजूद भारत ने पहले चार मुकाबलों में मिली तीन जीत की बदौलत पांच मैचों की यह श्रृंखला 3-2 से अपने नाम की।
इंग्लैंड की धमाकेदार बल्लेबाज़ी
जवाबी पारी में इंग्लैंड की ओर से तीन बल्लेबाज़ों ने शानदार अर्धशतक जमाकर भारत की गेंदबाज़ी को पूरी तरह पस्त कर दिया। सलामी बल्लेबाज़ बेन मेयस ने जहां 76 गेंदों में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से 82 रनों की आकर्षक पारी खेली, वहीं बीजे डॉकिन्स ने 53 गेंदों पर नौ चौके और तीन छक्के जमाकर 66 रनों का अहम योगदान दिया। कप्तान थॉमस रेव ने भी शानदार फिनिशिंग की भूमिका निभाई और सिर्फ 37 गेंदों में नाबाद 49 रन बनाकर लक्ष्य को 113 गेंदें शेष रहते हासिल कर लिया।
भारतीय गेंदबाज़ों की मेहनत बेकार
भारतीय गेंदबाज़ों में सिर्फ लेग स्पिनर नमन पुष्पक कुछ प्रभाव छोड़ सके। उन्होंने 65 रन देकर दो विकेट निकाले, जबकि तेज़ गेंदबाज़ दीपेश देवेंद्रन ने सात ओवरों में 34 रन देकर एक विकेट लिया। बाकी गेंदबाज़ों की लाइन-लेंथ में निरंतरता की कमी ने इंग्लैंड को खुलकर खेलने का मौका दे दिया, जिसका फायदा इंग्लिश बल्लेबाज़ों ने पूरी तरह उठाया।
बल्लेबाज़ी में फिर लड़खड़ाया भारत
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। कप्तान आयुष म्हात्रे और विहान मल्होत्रा सिर्फ एक-एक रन बनाकर पवेलियन लौट गए। भारत का स्कोर शुरुआती तीन ओवर में ही दो विकेट पर 9 रन था। यहां से युवा बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने कुछ देर तक संघर्ष किया और राहुल कुमार के साथ मिलकर 51 रनों की साझेदारी की।
वैभव ने 42 गेंदों में तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से 33 रन बनाए, लेकिन वो अपनी आक्रामक शैली में बड़ी पारी खेलने में असफल रहे। राहुल कुमार भी 21 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। भारत का मध्य क्रम बार-बार झटका खाता रहा और रन गति लगातार धीमी पड़ती गई।
अंबरीश की अर्धशतकीय पारी
टीम के लिए सबसे बड़ी सकारात्मक बात रही आरएस अंबरीश की 66 रनों की जुझारू पारी। उन्होंने 81 गेंदों में छह चौकों की मदद से एक छोर संभाले रखा और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। विकेटकीपर हर्ष पंगालिया और कनिष्क चौहान ने भी 24-24 रन बनाकर कुछ राहत दी। लेकिन तेज़ी से रन जुटाने में असफलता ने भारत को केवल 210 रनों पर रोक दिया।