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Elon Musk का दावा: भविष्य में इंसानों को कमाने की जरूरत नहीं रहेगी, रोबोट संभालेंगे हर काम

Elon Musk का दावा: भविष्य में इंसानों को कमाने की जरूरत नहीं रहेगी, रोबोट संभालेंगे हर काम

एलन मस्क ने भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इंसानों को काम करने की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि रोबोट सभी काम संभाल लेंगे। टेस्ला के ऑप्टिमस रोबोट से मस्क को उम्मीद है कि इससे वैश्विक उत्पादकता बढ़ेगी और गरीबी खत्म करने में मदद मिलेगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स ने उनके इस विज़न पर कई सवाल उठाए हैं।

Elon Musk Future Plan: टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने गरीबी मिटाने के लिए एक हाई-टेक प्लान पेश किया है, जिसके तहत इंसानों को काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका कहना है कि भविष्य में रोबोट इतने सक्षम होंगे कि वे गुड्स और सर्विसेज का सारा काम संभाल लेंगे। मस्क की कंपनी टेस्ला 2030 तक 10 लाख “ऑप्टिमस” रोबोट तैनात करने की योजना बना रही है। उनका दावा है कि इससे उत्पादकता 10 गुना तक बढ़ सकती है और हर व्यक्ति को “यूनिवर्सल हाई इनकम” मिल सकेगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह विज़न जितना आकर्षक है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी।

भविष्य में इंसानों को कमाने की जरूरत नहीं रहेगी

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने एक बार फिर भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि आने वाले वर्षों में इंसानों को काम करने की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि रोबोट हर वह काम करेंगे जो आज इंसान कर रहे हैं। मस्क ने गरीबी खत्म करने के लिए “हाई-टेक प्लान” पेश किया है, जिसके तहत लोग बिना नौकरी किए भी “यूनिवर्सल हाई इनकम” (Universal High Income) पा सकेंगे। उनका मानना है कि जब मशीनें और रोबोट इंसानी लेबर की जगह लेंगे, तब हर व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन जीने की आजादी मिलेगी।

रोबोट से बढ़ेगी प्रोडक्टिविटी, घटेगी गरीबी

एलन मस्क के मुताबिक, भविष्य में दुनिया भर में रोबोट गुड्स और सर्विसेज का पूरा काम संभालेंगे। उनकी कंपनी टेस्ला पहले से ही “ऑप्टिमस” नामक ह्यूमनॉइड रोबोट पर काम कर रही है, जो इंसान जैसी चाल और कार्यक्षमता रखता है। मस्क का कहना है कि ये रोबोट बिना थके और रुके काम कर सकेंगे, जिससे वैश्विक उत्पादकता में 10 गुना से ज्यादा इजाफा होगा।
इस बढ़ी हुई उत्पादकता के चलते, मस्क का मानना है कि हर इंसान की बुनियादी जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकेंगी और समाज में गरीबी खत्म हो जाएगी। उनका कहना है कि AI सॉफ्टवेयर अब तक सिर्फ डिजिटल लेवल पर प्रोडक्टिविटी बढ़ा रहा है, लेकिन जब वही AI फिजिकल वर्ल्ड में लेबर का काम करेगा, तब दुनिया की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी।

2030 तक 10 लाख रोबोट तैनात करने की योजना

मस्क की कंपनी टेस्ला ने ऑप्टिमस रोबोट के प्रोटोटाइप पर काम शुरू कर दिया है। योजना है कि 2030 तक लगभग 10 लाख रोबोट तैयार कर दुनिया के विभिन्न सेक्टरों में उन्हें डिप्लॉय किया जाए। ये रोबोट फैक्टरियों, वर्कशॉप, डिलीवरी सर्विस, और यहां तक कि हेल्थकेयर सेक्टर में भी काम कर सकेंगे।
हालांकि, अभी यह प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के शुरुआती चरण में है। फिलहाल ऑप्टिमस केवल कुछ बेसिक टास्क ही कर पा रहा है। इसके बावजूद, मस्क को उम्मीद है कि अगले दशक में रोबोट इंसानों के साथ मिलकर काम करेंगे और फिर धीरे-धीरे उन्हें पूरी तरह रिप्लेस कर देंगे।

मस्क के प्लान पर उठ रहे सवाल और आलोचना

जहां मस्क के इस प्लान को कुछ लोग भविष्य की दिशा बता रहे हैं, वहीं कई इकॉनोमिस्ट और टेक एक्सपर्ट इसकी आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि इंसानों को रोबोट से बदलना इतना आसान नहीं है और इससे सामाजिक असमानता और बढ़ सकती है।
जानकारों का तर्क है कि ऑटोमेशन से वे लोग अधिक अमीर होंगे जिनके पास मशीनें और तकनीक की पहुंच है। वहीं, “यूनिवर्सल हाई इनकम” को लागू करने के लिए जो फंड चाहिए, उसकी व्यवस्था और सरकारों की मंजूरी अपने आप में बड़ी चुनौती होगी। कई देशों में इस तरह की पॉलिसी का आर्थिक और राजनीतिक विरोध भी हो सकता है।

भविष्य के रोबोट पर भी सवाल

टेस्ला के ऑप्टिमस रोबोट को लेकर भी कई तकनीकी सवाल उठाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी यह तय नहीं है कि ये रोबोट इंसानी सुरक्षा और नैतिक मानकों पर कितना खरा उतरेंगे। फिलहाल इन रोबोट का प्रोटोटाइप बहुत सीमित कार्य कर पा रहा है, जैसे वस्तुएं उठाना या चलना।
विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे रोबोट बड़े पैमाने पर तभी उपयोगी साबित होंगे, जब वे जटिल निर्णय लेने में भी सक्षम होंगे। फिलहाल तकनीक उस स्तर तक नहीं पहुंची है। इसलिए मस्क का यह विज़न भले ही आकर्षक लगे, लेकिन इसे हकीकत बनने में अभी कई साल लग सकते हैं।

क्या रोबोट वाकई इंसानों की जगह लेंगे?

एलन मस्क का हाई-टेक प्लान आने वाले समय की झलक जरूर देता है, लेकिन यह भी सच है कि ऐसी तकनीक को अपनाने में कई सामाजिक और नैतिक चुनौतियां सामने आएंगी। अगर रोबोट वाकई इंसानों की जगह लेने लगें, तो दुनिया की अर्थव्यवस्था और रोजगार का पूरा ढांचा बदल सकता है।
टेक्नोलॉजी की इस रफ्तार को देखते हुए आने वाले दशक में बहुत कुछ संभव है, लेकिन उसका असर कितना सकारात्मक या नकारात्मक होगा, यह समय ही बताएगा।

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