इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 दिल्ली में 8-11 अक्टूबर तक आयोजित होगी। इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस 6G टेक्नोलॉजी के विकास, वैश्विक पार्टनरशिप और AI आधारित नेटवर्क, सैटेलाइट कम्यूनिकेशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर होगा।
IMC 2025: सरकार समर्थित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 (IMC 2025) 8 से 11 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इस साल का फोकस 6G टेक्नोलॉजी के विकास, नई पार्टनरशिप और डिजिटल इनोवेशन पर रहेगा। IMC के सीनियर अधिकारी के अनुसार, यह कार्यक्रम भारत को वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय तकनीकी भागीदार के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
IMC के CEO पी. रामकृष्ण ने बताया कि यह कार्यक्रम 6G टेक्नोलॉजी के महत्वपूर्ण पहलुओं को जोड़ने वाला प्रमुख मंच बन रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, यूरोप और भारत जैसे देशों के उद्योग जगत के दिग्गज और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे।
कौन-कौन होंगे शामिल?
IMC 2025 में 70 से ज्यादा वैश्विक और भारतीय टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स भाग लेंगे। इसमें आईआईटी और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद भी शामिल होंगे। उच्च-स्तरीय चर्चाओं में 6G के वैश्विक पहल, प्रमुख उपयोग के मामले, सक्षम प्रौद्योगिकियां, एआई आधारित नेटवर्क, अंतरिक्ष संपर्क और स्पेक्ट्रम सामंजस्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दिया जाएगा।
COAI के महानिदेशक एस. पी. कोचर ने कहा कि भारत 6G की वैश्विक दौड़ का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। IMC 2025 देश के दूरसंचार क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी और साझेदारियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर पेश करेगा।
IMC 2025 में बड़ी संख्या में प्रतिभागी होंगे शामिल
IMC 2025 में 150 देशों के 7,000 से ज्यादा वैश्विक प्रतिनिधि, 800 वक्ता और 400 प्रदर्शक भाग लेंगे। कार्यक्रम में 5G से 6G, AI, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सैटेलाइट कम्युनिकेशन जैसी तकनीकों पर विचार-विमर्श और साझेदारी के अवसर उपलब्ध होंगे।
यह मंच केवल तकनीकी चर्चाओं तक सीमित नहीं रहेगा। IMC 2025 में उद्योग जगत, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी प्रतिनिधि नई साझेदारियां और कोलैबोरेशन स्थापित कर सकेंगे।
IMC 2025 क्यों खास है?
IMC 2025 भारत को 6G टेक्नोलॉजी के वैश्विक नेतृत्व में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। कार्यक्रम के दौरान नई तकनीकियों, प्रोटोटाइप और शोध कार्यों पर चर्चा होगी, जो देश की अंतरराष्ट्रीय पहचान को और मजबूत बनाएगी।
इस कॉन्फ्रेंस के जरिए डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए समाधान और व्यावसायिक अवसर भी सामने आएंगे। इससे भारत में 6G के साथ-साथ AI, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सैटेलाइट कम्युनिकेशन में भी तेजी आएगी।