वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिफंड में देरी के कारण टैक्सपेयर्स परेशान हैं। मुख्य वजहें ई-वैरिफिकेशन, बड़े अमाउंट वाले रिफंड, टेक्निकल समस्याएं और छूट के दावों की सख्त जांच हैं। रिफंड स्टेटस ई-फाइलिंग पोर्टल पर PAN नंबर से चेक किया जा सकता है और सामान्य देरी होने पर शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।
Income Tax Refund: आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल होने के बाद कई टैक्सपेयर्स को रिफंड अभी तक नहीं मिला। सामान्य तौर पर रिफंड एक हफ्ते में आता है, लेकिन इस बार ई-वैरिफिकेशन, बड़े अमाउंट, पोर्टल की तकनीकी दिक्कतें और छूट के दावों की जांच के कारण देरी हो रही है। टैक्सपेयर्स अपना स्टेटस ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन कर PAN नंबर से देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
रिफंड में देरी के कारण
वित्त वर्ष 2024-25 के रिफंड में देरी की कई वजहें सामने आ रही हैं। सबसे पहली वजह है रिफंड की वैरिफिकेशन प्रक्रिया। अगर किसी टैक्सपेयर्स ने छूट का दावा किया है या बड़ी राशि का रिफंड ले रहा है, तो आयकर विभाग की जांच थोड़ी लंबी हो जाती है। इसके अलावा ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं भी रिफंड प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं। कभी-कभी बैंक विवरण या आईटीआर में कोई त्रुटि होने पर भी पैसा तुरंत जमा नहीं होता।
इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें
रिफंड का स्टेटस जानने के लिए सबसे आसान तरीका है इनकम टैक्स विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल का उपयोग। इसके लिए आपको अपने पैन नंबर और पासवर्ड के जरिए लॉग-इन करना होगा। लॉग-इन करने के बाद ई-फाइल सेक्शन में जाकर 'View Filed Returns' पर क्लिक करें और आकलन वर्ष 2025-26 चुनें। इस स्टेप के बाद आपकी स्क्रीन पर चार प्रकार के स्टेटस नजर आएंगे।
- Refund Paid: राशि आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दी गई है।
- Refund Not Determined: विभाग के अनुसार कोई रिफंड देय नहीं है।
- Refund Failed: रिफंड प्रोसेस करते समय कोई तकनीकी त्रुटि हुई है।
- Refund Adjusted: बकाया राशि के खिलाफ रिफंड को सेट ऑफ कर दिया गया है।
रिफंड प्रोसेस में होने पर क्या करें
अगर आपका रिफंड अभी प्रोसेस में है तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका ITR ई-वैरिफाई हो गया है। ई-वैरिफिकेशन के बिना रिफंड प्रोसेस नहीं किया जा सकता। आप फॉर्म 26AS के जरिए यह भी देख सकते हैं कि पैसा आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुआ या नहीं।
अगर सामान्य समय से ज्यादा समय बीत चुका है और रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी ITR की रसीद, बैंक विवरण और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार रखने होंगे। इनकम टैक्स विभाग का हेल्पडेस्क भी टैक्सपेयर्स की मदद के लिए उपलब्ध है।
तकनीकी कारण और समाधान
ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी कारणों से कई बार रिफंड की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। कभी-कभी सर्वर डाउन होने या पोर्टल पर लॉग-इन समस्याओं के कारण रिफंड में देरी होती है। इस स्थिति में टैक्सपेयर्स को पैनिक करने की जरूरत नहीं है। विभाग लगातार सिस्टम अपडेट और तकनीकी सुधार करता रहता है।
बड़ी राशि वाले रिफंड की जांच
यदि आपका रिफंड बड़ी राशि का है, तो विभाग अतिरिक्त वैरिफिकेशन करता है। इसमें इनकम टैक्स रिटर्न की डिटेल्स, निवेशों और कटौतियों की पुष्टि शामिल होती है। इसके कारण सामान्य समय से ज्यादा रिफंड में देरी होती है।
बैंक अकाउंट और रिफंड
रिफंड का पैसा सीधे आपके बैंक अकाउंट में जाता है। अगर बैंक विवरण सही नहीं है या अकाउंट बंद है, तो रिफंड फेल हो सकता है। ऐसे मामलों में टैक्सपेयर्स को बैंक विवरण अपडेट कर ई-फाइलिंग पोर्टल पर सुधार करना चाहिए।