इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने से टैक्स बचाने, लोन आसानी से लेने, आय का प्रमाण देने, वीज़ा प्रक्रिया सरल बनाने, टैक्स रिफंड पाने, व्यापार घाटा आगे ट्रांसफर करने, प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम का लाभ उठाने, जुर्माने से बचने और मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है।
नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आय टैक्स छूट सीमा से अधिक है। ITR फाइलिंग न केवल कानूनी जिम्मेदारी पूरी करती है, बल्कि इससे लोन मिलने में आसानी, आय प्रमाण, वीज़ा प्रक्रिया, टैक्स रिफंड, व्यापार घाटे की कटौती और मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स लाभ जैसे कई महत्वपूर्ण फायदे मिलते हैं। समय पर ITR दाखिल करने से जुर्माने से भी बचा जा सकता है।
आसान लोन प्राप्ति के अवसर बढ़ जाते हैं
बैंकिंग और वित्तीय संस्थान जब होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन जैसे कर्ज देने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो वे सबसे पहले आपकी आय और वित्तीय स्थिरता का आकलन करते हैं। लगातार तीन वर्ष का आईटीआर फाइलिंग रिकॉर्ड होने से आपकी इनकम की विश्वसनीयता बैंकों के समक्ष प्रमाणित हो जाती है। इससे न सिर्फ आपकी लोन आवेदन प्रक्रिया तेज होती है, बल्कि लोन स्वीकृति की संभावना भी बढ़ जाती है। इसीलिए आईटीआर फाइल करना उन लोगों के लिए आवश्यक है, जो भविष्य में बड़ा ऋण लेना चाहते हैं।
वार्षिक आय का प्रमाण होता है
किसी भी सरकारी या निजी संस्थान को आपकी आय का प्रमाण देना पड़ता है, चाहे वह नौकरी के लिए हो, वीजा आवेदन के लिए हो या फिर अन्य किसी वित्तीय जरूरत के लिए। ऐसे समय आईटीआर फाइलिंग आपकी आय का सबसे विश्वसनीय और अधिकृत दस्तावेज बन जाता है। यह साबित करता है कि आप अपनी आय को सही तरीके से सरकार के सामने रिपोर्ट कर रहे हैं।
वीजा आवेदन में सहूलियत
विदेश यात्रा के दौरान वीजा प्रक्रिया अक्सर जटिल होती है। अधिकांश विदेशी दूतावास आपके द्वारा भरे गए आईटीआर की मांग करते हैं ताकि वे आपकी आर्थिक स्थिति और टैक्स संबंधित दायित्वों का जायजा ले सकें। सही और समय पर फाइल किया गया आईटीआर आपके वीजा आवेदन को सहज और सफल बनाने में मदद करता है।
टैक्स रिफंड का दावा
कई बार हम अपने वास्तविक टैक्स दायित्व से अधिक टैक्स जमा कर देते हैं। ऐसी स्थिति में आईटीआर फाइलिंग की मदद से आप उस अतिरिक्त टैक्स की वापसी यानि रिफंड का दावा कर सकते हैं। आयकर विभाग आपके दस्तावेजों की जाँच के बाद यह राशि आपके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर कर देता है। इस तरह आईटीआर फाइलिंग आर्थिक नुकसान से बचाने का जरिया भी बनती है।
व्यापार में हुए घाटे की भरपाई
अगर आपका व्यवसाय घाटे में चला गया है, तो आप उस घाटे को अगले वर्ष के टैक्स में समायोजित कर सकते हैं। यह सुविधा केवल उन टैक्सपेयर्स को मिलती है, जिन्होंने समय पर अपनी आईटीआर फाइल की हो। इसलिए व्यापार में नुकसान होने पर भी सही समय पर रिटर्न दाखिल करना जरूरी होता है ताकि भविष्य में इसका लाभ उठाया जा सके।
प्रिजम्पटिव टैक्सेशन योजना का लाभ
स्वयं रोजगार करने वाले और पेशेवरों के लिए प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम एक सरल तरीका है। इसमें आपको विस्तृत बैलेंसशीट तैयार करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि निर्धारित दर के अनुसार अपनी आय घोषित कर आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। यह स्कीम टैक्स की जटिलताओं से बचाव करती है और टैक्स भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाती है।
जुर्माने से कैसे बचे
यदि आप अपने आयकर रिटर्न को समय पर फाइल नहीं करते हैं, तो आयकर विभाग जुर्माना या पेनाल्टी लगा सकता है। यह जुर्माना न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाता है बल्कि कानूनी परेशानियों का कारण भी बन सकता है। नियमित और समय पर आईटीआर दाखिल करके आप ऐसे जुर्मानों और कानूनी विवादों से बच सकते हैं।
मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स छूट का फायदा
धारा 80D के अंतर्गत मेडिकल या हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट का लाभ उठाना संभव होता है। खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट और भी अधिक होती है। आईटीआर फाइलिंग के माध्यम से आप इस छूट का दावा आसानी से कर सकते हैं, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम होती है और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।