जम्मू-कश्मीर में SIA ने नार्को-टेरर केस में कार्रवाई करते हुए हिजबुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और 10 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। नेटवर्क ड्रग्स से आतंकी फंडिंग कर रहा था।
Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है। राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने नार्को-आतंकवाद (Narco-Terrorism) के एक संगठित नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला वर्ष 2022 में दर्ज हुआ था और जांच के दौरान पाकिस्तान से मादक पदार्थों की तस्करी कर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने की साजिश सामने आई है।
2022 में हुआ था केस दर्ज
SIA जम्मू ने यह मामला 2022 में दर्ज किया था। जांच में पता चला कि एक सुव्यवस्थित नेटवर्क जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा था। यह नेटवर्क आतंकवादी संगठनों को फंड मुहैया कराने में सक्रिय था। इसमें आतंकी सहयोगी, कूरियर और ड्रग डीलर्स की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है।
चार्जशीट में शामिल नाम
चार्जशीट में हिजबुल मुजाहिदीन के सुप्रीमो सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन का नाम सबसे प्रमुख है। वह इस समय पाकिस्तान के रावलपिंडी से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। उसके अलावा चार्जशीट में बडगाम निवासी बशारत अहमद भट, राजौरी के खालिद हुसैन, पुंछ के मोहम्मद शोकित, बडगाम के जाविद अहमद राथर, श्रीनगर के मंजूर अहमद और आसिफ रहमान रेशी, जम्मू के हरप्रीत सिंह, चैन सिंह, साहिल कुमार और संदीपक सिंह के नाम शामिल हैं।
नशीले पदार्थों से आतंक के लिए फंडिंग
SIA की जांच में यह सामने आया है कि यह पूरा नेटवर्क नशीले पदार्थों की तस्करी कर उनसे होने वाली आमदनी को आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में लगा रहा था। यह पैसा पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में सक्रिय एजेंटों को भेजा जाता था।
स्थानीय युवाओं को बनाया गया टारगेट
जांच में यह भी पता चला कि आरोपी न केवल नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे थे बल्कि उन्हें स्थानीय युवाओं तक पहुंचा भी रहे थे। इससे न केवल युवा वर्ग को नुकसान पहुंचाया जा रहा था बल्कि समाज में भी अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही थी। कुछ आरोपी तो अन्य लोगों को बतौर एजेंट नियुक्त कर ड्रग्स बेचवा रहे थे।
जम्मू-कश्मीर की शांति भंग करने की साजिश
SIA के अनुसार यह नेटवर्क जम्मू-कश्मीर की शांति को भंग करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने नशीले पदार्थों के जरिए युवाओं को निशाना बनाकर क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की रणनीति अपनाई थी।