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JNU VC: बिना अनुमति सम्मेलन से अनुपस्थित रहीं JNU कुलपति, मंत्रालय ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

JNU VC: बिना अनुमति सम्मेलन से अनुपस्थित रहीं JNU कुलपति, मंत्रालय ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

JNU की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी शिक्षा मंत्रालय के कुलपतियों के सम्मेलन में बिना अनुमति अनुपस्थित रहीं। मंत्रालय ने इसे गंभीर मानते हुए उनसे जवाब मांगा है। अब तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

JNU VC Notice: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित एक बार फिर चर्चा में हैं। शिक्षा मंत्रालय ने उनसे गुजरात के केवड़िया में आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में बिना पूर्व अनुमति अनुपस्थित रहने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्रालय ने इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए आधिकारिक नोटिस भेजा है।

सम्मेलन में अनुपस्थिति को माना गया गंभीर मामला

शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का यह दो दिवसीय सम्मेलन 10 और 11 जुलाई 2025 को आयोजित किया गया था। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के पांच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उच्च शिक्षा में इसके क्रियान्वयन की समीक्षा और भावी रणनीतियों पर मंथन करना था।

मंत्रालय की मानें तो सभी कुलपतियों को इस आयोजन में शामिल होने का पूर्व निमंत्रण भेजा गया था और उपस्थित होना अनिवार्य था। इस संदर्भ में किसी भी कुलपति को यदि किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो पाना है, तो उन्हें औपचारिक रूप से अनुमति लेनी होती है। लेकिन जेएनयू की कुलपति बिना किसी पूर्व सूचना के सम्मेलन में शामिल नहीं हुईं।

JNU में था समान तिथि पर कार्यक्रम

सूत्रों ने यह भी बताया कि सम्मेलन के दौरान जेएनयू में भी एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। हालांकि, मंत्रालय का स्पष्ट मत है कि जब शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हो रही हो, तो उसकी प्राथमिकता सर्वोपरि होनी चाहिए। ऐसे में कुलपति का निर्णय, उनकी प्राथमिकताओं को लेकर सवाल खड़े करता है।

कुलपतियों के सम्मेलन का महत्व

गुजरात के केवड़िया में आयोजित यह सम्मेलन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में NEP 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण था। इसमें देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए थे। सम्मेलन के दौरान संस्थागत प्रगति, गुणवत्ता सुधार, नवाचार, कौशल विकास, डिजिटल शिक्षा जैसे प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही, यह भी देखा गया कि विश्वविद्यालय किस हद तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप काम कर रहे हैं।

मंत्रालय ने जताई नाराजगी

शिक्षा मंत्रालय ने कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी से उनकी अनुपस्थिति पर स्पष्ट कारण जानने के लिए नोटिस जारी किया है। अब तक कुलपति की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता है, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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