जेएनयू छात्रसंघ चुनाव 2025 से पहले लेफ्ट यूनिटी पैनल ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। पैनल ने कहा कि वह छात्रों के अधिकार, लोकतंत्र और निजीकरण के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा और विश्वविद्यालय की बहस व विविधता की परंपरा को बनाए रखेगा।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनावों की गहमागहमी तेज हो गई है। लेफ्ट यूनिटी पैनल (AISA–SFI–DSF) ने आगामी सत्र 2025–26 के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए कहा कि वे छात्र अधिकार, लोकतंत्र और शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। पैनल ने पिछले सत्र में वाम नेतृत्व वाली छात्रसंघ की उपलब्धियों को याद करते हुए प्रशासनिक दमन के बावजूद छात्रों के हितों की रक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया।
पिछले सत्र की उपलब्धियां बनीं प्रेरणा
लेफ्ट यूनिटी पैनल ने बताया कि मई 2025 में गठित नीतिश कुमार की अध्यक्षता वाली टीम ने छात्र हितों के लिए कई अहम मुद्दों पर संघर्ष किया था। उस टीम ने छात्रावास निष्कासन, स्कॉलरशिप कटौती और फीस वृद्धि के खिलाफ लगातार आवाज उठाई और प्रशासन को अपने फैसले वापस लेने पर मजबूर किया।
पैनल ने कहा कि यह स्पष्ट उदाहरण है कि जब छात्र एकजुट होते हैं, तो प्रशासन को झुकना पड़ता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एबीवीपी से चुने गए संयुक्त सचिव ने छात्रों के हित में कोई ठोस योगदान नहीं दिया और अपने पूरे कार्यकाल में निष्क्रिय रहे।
हॉस्टल-स्कॉलरशिप विवाद में लेफ्ट का दबदबा

जून 2025 में प्रशासन ने पीएचडी के अंतिम वर्ष के छात्रों को हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी किया था, जिसका वामपंथी संगठनों ने जोरदार विरोध किया। छात्रों ने 16 दिन तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर प्रशासन को आदेश वापस लेने पर विवश कर दिया।
इसके बाद जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने Merit-cum-Means (MCM) स्कॉलरशिप घटाने का प्रयास किया, तो लेफ्ट छात्र संगठनों ने विरोध कर इसे रोकने में अहम भूमिका निभाई। छात्रों के दबाव में प्रशासन को रैशनलाइजेशन कमेटी भंग करनी पड़ी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को राहत मिली।
हॉस्टल फीस विवाद में एबीवीपी गायब
सितंबर में इंटर-हॉल एडमिनिस्ट्रेशन (IHA) ने हॉस्टल फीस बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिसे लेफ्ट यूनिटी की सक्रियता के चलते पास नहीं किया जा सका। छात्रसंघ ने इसे गरीब और मध्यमवर्गीय छात्रों के खिलाफ नीति बताते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार केवल अमीरों तक सीमित नहीं होना चाहिए।
इसके विपरीत, एबीवीपी से जुड़े प्रतिनिधि इस पूरे संघर्ष से दूर रहे और निजी कंपनी ‘Rapido’ के साथ साझेदारी में व्यस्त दिखे, जिससे छात्रों के सस्ते परिवहन विकल्प प्रभावित हुए।
नए उम्मीदवारों की घोषणा
लेफ्ट यूनिटी पैनल ने आगामी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की—
- अध्यक्ष पद: अदिति मिश्रा (PhD, CCPPT, SIS)
- उपाध्यक्ष पद: किझाकूट गोपिका बाबू (PhD, CSLG, SSS)
- महासचिव पद: सुनील यादव (PhD, CSA, SIS)
- संयुक्त सचिव पद: दानिश अली (PhD, CHS, SSS)
पैनल ने कहा कि उनकी यह टीम जेएनयू में बहस, असहमति और लोकतंत्र की परंपरा को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने दोहराया कि जेएनयू की पहचान उसकी विविधता और आलोचनात्मक सोच में है, और वे निजीकरण व भगवाकरण के हर प्रयास का विरोध करेंगे।













