अमेरिका के पूर्व NSA जॉन बोल्टन ने भारत पर ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को गलती बताया। उन्होंने पीएम मोदी को ट्रंप को दो बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सलाह दी।
America: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने इसे द्विपक्षीय संबंधों में गलती बताया और पीएम मोदी को ट्रंप को दो बार नोबेल के लिए नामित करने का सुझाव दिया।
ट्रंप पर जॉन बोल्टन का हमला
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत विरोधी कदमों पर कड़ा हमला किया है। बोल्टन का कहना है कि भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए “गलती” हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के फैसले से अमेरिका और भारत के बीच भरोसे को नुकसान पहुंचेगा और इसे सुधारने में समय लगेगा।
बोल्टन ने विशेष रूप से यह ध्यान दिलाया कि ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत तक के टैरिफ लगा दिए हैं। इसमें रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है। उनके अनुसार, यह निर्णय उल्टा और संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला है। उन्होंने इसे अमेरिका की विदेश नीति में असंगत और अनुचित कदम बताया।
ट्रंप ने अपने फैसले का किया बचाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि भारत रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद रहा है और इसे खुले बाजार में मुनाफे के लिए बेच रहा है। उन्होंने इस कदम को यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि से जोड़ते हुए कहा कि वहाँ लोग मर रहे हैं और इस वजह से अमेरिका को ऐसे टैरिफ लगाने पड़ रहे हैं।
बोल्टन ने इस बात पर भी जोर दिया कि चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन उस पर ऐसे टैरिफ या सेकेंडरी प्रतिबंध नहीं लगाए गए। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि भारत को अलग तरीके से ट्रीट किया जा रहा है।
भारत पर टैरिफ का प्रभाव
टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है। बोल्टन ने चेतावनी दी कि इस गलती से दोनों देशों के बीच विश्वास का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इसे भरने में लंबा समय लगेगा और व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। उनके अनुसार, अमेरिका को अपनी नीतियों में न्यायसंगत और संतुलित रवैया अपनाना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल में ट्रंप ने चीन के साथ टैरिफ युद्ध छेड़ा था, जिसमें दरें 145 प्रतिशत तक थीं। लेकिन बाद में ट्रंप ने चीन के साथ सख्ती को घटा दिया। भारत केवल एकमात्र ऐसा देश है जिसे रूस से तेल खरीदने को लेकर इस तरह के टैरिफ का सामना करना पड़ा।
मीडिया और ट्रंप का रवैया
बोल्टन ने ट्रंप के मीडिया के प्रति रवैये की भी आलोचना की। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक को अनुचित तरीके से कवर करने पर मीडिया पर हमला बोला। ट्रंप ने कहा कि मीडिया उनकी आलोचना तब भी करेगा, अगर वह रूस के साथ किसी सौदे के तहत मॉस्को और लेनिनग्राद को मुक्त कर दें।
बोल्टन के अनुसार, यह अमेरिकी विदेश नीति और मीडिया प्रबंधन दोनों के दृष्टिकोण से सही नहीं है। उनका मानना है कि इस तरह की असंगतियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की साख को कमजोर कर सकती हैं।
पीएम मोदी को सुझाव
एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में जॉन बोल्टन ने ट्रंप पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया कि उन्हें डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए दो बार नामित करना चाहिए। उन्होंने यह उदाहरण पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर का दिया। उनके अनुसार, पाकिस्तान ने ट्रंप को बेहतर तरीके से हैंडल किया और अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने हितों के मुताबिक कार्य करने के लिए प्रेरित किया।।