Columbus

जयपुर: मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों का प्रदर्शन, ग्रुप-2 डॉक्टरों की सीधे एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्ति पर हंगामा

जयपुर: मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों का प्रदर्शन, ग्रुप-2 डॉक्टरों की सीधे एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्ति पर हंगामा

जयपुर में मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक डॉक्टर्स ने ग्रुप-2 के डॉक्टर्स को सीधे एसोसिएट प्रोफेसर बनाने के फैसले के विरोध में रैली निकाली। 12 दिन से धरना चल रहा है, ओपीडी सेवाएं प्रभावित रही।

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक डॉक्टर्स ने मंगलवार को ग्रुप-2 के डॉक्टरों को सीधे एसोसिएट प्रोफेसर बनाने के सरकारी फैसले का विरोध करते हुए जोरदार रैली निकाली। यह रैली एसएमएस हॉस्पिटल से शुरू होकर मेडिकल कॉलेज तक गई, जिसमें जनाना, गणगौरी, जे.के. लोन, सुपर स्पेशियलिटी और अन्य अस्पतालों के डॉक्टर्स ने भाग लिया। रैली के दौरान सुबह 8 से 10 बजे तक ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहीं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी

रैली शुरू होने से पहले डॉक्टर्स ने एसएमएस हॉस्पिटल के मुख्य प्रशासनिक भवन के पोर्च पर सरकार के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद बैनर और तख्तियां लेकर रैली मेडिकल कॉलेज तक चली। डॉक्टरों ने कहा कि सरकारी नीति के तहत ग्रुप-2 के डॉक्टर्स को सीधे एसोसिएट प्रोफेसर बनाना अन्य योग्य और अनुभवसंपन्न फेकल्टी डॉक्टर्स के अधिकारों का हनन है।

डॉक्टर्स का कहना है कि शिक्षा और मेडिकल कॉलेजों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पदों पर नियुक्ति में पारदर्शिता जरूरी है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार करेंगे।

डॉक्टर्स ने मेडिकल भर्ती और नियमों में सुधार की मांग की

रैली में शामिल डॉक्टर्स ने अपनी मांगों का विस्तृत खाका पेश किया। उनकी प्रमुख मांगें हैं: भर्ती केवल RPSC के माध्यम से हो; NMC नियमों के अनुसार फेकल्टी डॉक्टर्स का समय पर DPC होना चाहिए; मेडिकल एज्युकेशन में ग्रुप-2 डॉक्टर्स की लेट्रल एंट्री बंद की जाए; कॉलेजों में केवल असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों से भर्ती शुरू की जाए; नियुक्ति/समायोजन समिति को भंग किया जाए और PG डिग्री वाले डेमोन्स्ट्रेटर को अनुभव के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति मिले।

डॉक्टर्स ने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ उनका निजी विरोध नहीं है, बल्कि राज्य के मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए कदम है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।

एसएमएस हॉस्पिटल में 12 दिनों से धरना जारी 

एसएमएस हॉस्पिटल के फेकल्टी डॉक्टर्स पिछले 12 दिनों से लगातार धरने पर हैं। हर दिन सुबह 2 घंटे तक ओपीडी सेवाएं प्रभावित होती हैं। इसके कारण मरीजों को जांच और इलाज में देरी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर कोई संतोषजनक निर्णय नहीं आता, वे विरोध जारी रखेंगे।

स्वास्थ्य विभाग ने ग्रुप-2 के योग्य डॉक्टर्स को अनुभव के आधार पर असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन इससे पहले से काम कर रहे फेकल्टी और अनुभवसंपन्न डॉक्टर्स में नाराजगी व्याप्त है। डॉक्टरों का कहना है कि नियुक्तियों में पारदर्शिता न होने से अस्पतालों और मेडिकल शिक्षा संस्थानों की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है।

प्रशासन और डॉक्टरों के बीच समाधान की उम्मीद

राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि वे प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन केवल तभी जब उनकी मांगों का सम्मान किया जाए। इस दौरान प्रशासन ने भी शांतिपूर्ण तरीके से संवाद करने का आश्वासन दिया है।

Leave a comment