केरल के कोच्चि में हिजाब विवाद के बाद सेंट रीटा पब्लिक स्कूल ने दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी। आठवीं की छात्रा को हिजाब पहनने पर क्लास में एंट्री से रोका गया था, जिससे मामला बढ़कर राजनीतिक विवाद बन गया।
कोच्चि: केरल के कोच्चि में एक ईसाई मिशनरी स्कूल में हिजाब पहनकर पहुंची आठवीं कक्षा की छात्रा को क्लास में प्रवेश न देने के बाद मामला गर्मा गया। विवाद बढ़ने पर स्कूल प्रशासन ने 13 और 14 अक्टूबर को दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी है। छात्रा का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उसे “हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया” और जब उसने इंकार किया, तो कक्षा में घुसने नहीं दिया गया।
यह घटना कोच्चि के सेंट रीटा पब्लिक स्कूल की है, जिसे एक चर्च संस्था संचालित करती है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि छात्रा का पहनावा ड्रेस कोड के खिलाफ था और स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे एक समान ड्रेस कोड का पालन करते हैं।
हिजाब विवाद में छात्रा ने स्कूल छोड़ने का फैसला किया
छात्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसे हिजाब पहनकर स्कूल आने से रोका गया। उसने बताया, “मुझे क्लासरूम के बाहर रोक दिया गया और हिजाब उतारने को कहा गया। जब मैंने मना किया, तो शिक्षक ने मेरे साथ असभ्य व्यवहार किया। मैं अब इस स्कूल में नहीं पढ़ूंगी।”
इस घटना के बाद छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से बहस की और इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया। मामला जल्द ही अभिभावक-शिक्षक संघ (PTA) तक पहुंच गया और विवाद ने सामाजिक और राजनीतिक रंग ले लिया।
PTA ने SDPI पर लगाया दबाव बनाने का आरोप
स्कूल के अभिभावक-शिक्षक संघ (PTA) ने दावा किया कि विवाद को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े लोगों ने भड़काया। PTA सदस्य जोशी कैथावलप्पिल ने कहा कि स्कूल का पिछले 30 सालों से तय ड्रेस कोड है, जिसका पालन सभी समुदायों के छात्र करते आए हैं। लेकिन छात्रा के अभिभावक सिर ढककर स्कूल आने की अनुमति पर अड़े रहे।
उन्होंने कहा कि जब मामला नहीं सुलझा, तो वे कुछ बाहरी लोगों के साथ स्कूल पहुंचे और हंगामा किया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। आरोप है कि SDPI समर्थकों ने स्कूल की ननों के साथ दुर्व्यवहार भी किया।
स्कूल 13-14 अक्टूबर को बंद
प्रधानाचार्य सिस्टर हेलेना आरसी ने अवकाश की घोषणा करते हुए एक पत्र जारी किया, जिसमें लिखा गया कि “एक छात्रा और उसके परिजनों के दबाव में स्कूल का माहौल अस्थिर हो गया है। शिक्षकों और छात्रों पर मानसिक तनाव बढ़ गया है, इसलिए 13 और 14 अक्टूबर को स्कूल बंद रहेगा।”
पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला और सुर्खियों में आ गया। स्कूल ने कहा कि वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन संस्थान का अनुशासन और नियम सबके लिए समान हैं।
सोशल मीडिया और राजनीतिक बहस तेज
जैसे ही मामला सामने आया, सोशल मीडिया पर इसे लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई। कुछ यूज़र्स ने स्कूल के कदम को धार्मिक असहिष्णुता बताया, जबकि कुछ ने ड्रेस कोड के पालन को संस्थान का अधिकार कहा।
राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन शिक्षा विभाग ने कहा है कि “मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दोनों पक्षों को बातचीत के ज़रिए हल निकालना चाहिए।”