Pune

कोंकणा सेन शर्मा का बेबाक बयान: 'मेट्रो इन दिनों' में इरफान की कमी, पंकज त्रिपाठी ने रची अपनी पहचान

कोंकणा सेन शर्मा का बेबाक बयान: 'मेट्रो इन दिनों' में इरफान की कमी, पंकज त्रिपाठी ने रची अपनी पहचान

साल 2007 में अनुराग बसु की फिल्म 'लाइफ इन अ मेट्रो' में इरफान खान और कोंकणा सेन शर्मा की जोड़ी ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी। एक साधारण सी लगने वाली कहानी को दोनों कलाकारों ने अपनी संजीदा अदाकारी से बेहद खास बना दिया था।

Konkona Sen Sharma: साल 2007 में रिलीज हुई 'लाइफ इन अ मेट्रो' ने भारतीय दर्शकों को रिश्तों की उलझनों और जिंदगी की सच्चाइयों का बेहद ईमानदार चित्रण दिया था। अनुराग बसु के निर्देशन में बनी इस फिल्म में इरफान खान और कोंकणा सेन शर्मा की जोड़ी ने ऐसी गहराई से अभिनय किया कि आज भी उनके किरदार लोगों की यादों में जिंदा हैं। अब 17 साल बाद अनुराग बसु 'मेट्रो इन दिनों' लेकर आए हैं, जिसमें फिर से कोंकणा मुख्य भूमिका में हैं, लेकिन इस बार उनके साथ इरफान नहीं बल्कि पंकज त्रिपाठी हैं।

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान जब कोंकणा से पूछा गया कि क्या पंकज त्रिपाठी में उन्हें कभी इरफान की झलक दिखती है, तो कोंकणा थोड़ी भावुक हो गईं। उन्होंने साफ कहा, प्लीज मुझसे मत पूछिए ये सवाल, क्योंकि दो बिल्कुल अलग आत्माओं की तुलना करना बहुत मुश्किल है। इरफान सिर्फ बेहतरीन कलाकार नहीं थे, वो बेहद संवेदनशील इंसान भी थे। उनके साथ जो जुड़ाव था, वो फिर दोहराया नहीं जा सकता। कोंकणा ने आगे कहा कि पंकज त्रिपाठी अपने आप में बेहद मजबूत कलाकार हैं और उनका साथ भी अलग तरह का अनुभव रहा है।

शादी के बाद रिश्तों में आती नीरसता पर कोंकणा की बेबाकी

'मेट्रो इन दिनों' में कोंकणा ने 'काजोल' नाम की एक महिला का रोल निभाया है, जो 10-12 साल के वैवाहिक जीवन के बाद उस मोड़ पर खड़ी है, जहां सब कुछ होते हुए भी अधूरापन महसूस होता है। कोंकणा बताती हैं कि ये किरदार उन्हें इसलिए पसंद आया क्योंकि वह किसी की “शिकार” या “त्यागमूर्ति” नहीं है, बल्कि उसमें भी एक तरह का आत्मसम्मान और प्रतिस्पर्धा है।

कोंकणा के मुताबिक, कई बार आप सही इंसान से शादी करते हैं, लेकिन कुछ सालों बाद वही शादी एक रूटीन बन जाती है। बच्चों की पढ़ाई, ईएमआई, स्कूल की फीस — सब मिलकर जैसे एक बोझ बन जाता है। यही सच हमने फिल्मों में कम ही दिखाया है। कोंकणा मानती हैं कि इस तरह की कहानियां जरूरी हैं, ताकि लोग समझें कि शादीशुदा जिंदगी में भी उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है।

मेनस्ट्रीम हीरोइन बनने की कभी नहीं थी चाहत

बातचीत के दौरान कोंकणा से पूछा गया कि क्या उन्हें कभी लगा कि करण जौहर उन्हें शाहरुख खान के साथ किसी फिल्म में लेंगे? इस सवाल पर कोंकणा मुस्कुरा उठीं। उन्होंने कहा, नहीं, वो मेरा जोन कभी था ही नहीं। वैसे भी बहुत लोग उस जोन में कमाल का काम कर रहे हैं, लेकिन मैं सिर्फ अच्छी कहानी और अच्छे किरदार के लिए तैयार हूं। मेनस्ट्रीम हीरोइन बनने का सपना मैंने कभी नहीं देखा। कोंकणा का मानना है कि कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा ही उनकी ताकत है और वह उसी में खुश हैं।

बेटे को लेकर भी साझा की दिलचस्प बातें

14 साल के बेटे को लेकर कोंकणा ने कहा कि अभी वह ज्यादातर मार्वल और एवेंजर्स जैसी फिल्में देखता है। मेरी ज्यादातर फिल्में वो देख ही नहीं पाता क्योंकि वो थोड़ी सीरियस होती हैं। लेकिन अब मैं उसे एक इंसान के रूप में भी जान रही हूं, उसकी अपनी सोच और संवेदनशीलता उभर रही है, जो एक मां के लिए बहुत खास अनुभव है। 

अगर बेटा एक्टिंग करना चाहे, तो क्या आप उसे सपोर्ट करेंगी? इस सवाल पर कोंकणा ने कहा, बिल्कुल, अगर वो करना चाहे तो, लेकिन पहले पढ़ाई पूरी करनी होगी।

अपनी मां के साथ फिर बड़े पर्दे पर

वर्कफ्रंट की बात करें तो कोंकणा अपनी मां अपर्णा सेन की फिल्म 'द रेपिस्ट' में नजर आएंगी। इसके अलावा उन्होंने प्रतिभा रांटा के साथ भी एक फिल्म पूरी की है और साथ ही हॉटस्टार के लिए वेब सीरीज 'किलिंग' भी कर रही हैं। कोंकणा का मानना है कि आज भी इरफान खान की यादें उनके दिल में उतनी ही गहराई से बसी हैं, जितनी 17 साल पहले थीं। उनका कहना है कि पंकज त्रिपाठी भले ही शानदार अभिनेता हैं, लेकिन इरफान के साथ जो बॉन्ड था, उसकी तुलना नहीं की जा सकती।

फिल्म में पंकज त्रिपाठी के साथ काम करने के अनुभव पर कोंकणा ने कहा, पंकज त्रिपाठी के साथ काम करना भी बहुत समृद्ध अनुभव रहा। उनके अभिनय में जो सहजता है, वो किसी भी कलाकार के लिए प्रेरणादायक है। 'मेट्रो इन दिनों' के जरिए कोंकणा फिर एक बार रिश्तों की पेचीदगियों पर गहराई से नजर डालने वाली हैं, और दर्शकों को यकीन है कि उनका यह सफर भी उतना ही सशक्त और दिल छू लेने वाला होगा, जितना 'लाइफ इन अ मेट्रो' था।

Leave a comment