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राहुल गांधी के ‘लंगड़े घोड़े’ वाले तंज के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी, जमीनी कार्यकर्ताओं को ही मिलेंगे पद

राहुल गांधी के ‘लंगड़े घोड़े’ वाले तंज के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी, जमीनी कार्यकर्ताओं को ही मिलेंगे पद

राजस्थान कांग्रेस में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कवायद शुरू हो चुकी है। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष एमडी चोपदार ने राहुल गांधी के 'लंगड़े घोड़े' वाले बयान को संगठनात्मक दिशा का मूल मंत्र बताते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब पद उन्हीं को मिलेगा जो जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं। चोपदार ने कहा कि पार्टी में अब सिर्फ मेहनतकश और जनता से जुड़े कार्यकर्ताओं को ही जिम्मेदारी दी जाएगी।

उन्होंने दो टूक कहा कि अब “गाड़ी पर प्लेट लगाकर घूमने वाले नेता” संगठन में फिट नहीं बैठेंगे। उनका इशारा उन नेताओं की ओर था जो पार्टी में सिर्फ नाम के लिए मौजूद हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं रखते। चोपदार ने बताया कि जिला और ब्लॉक स्तर तक संगठन को फिर से तैयार किया जाएगा, और यह काम पूरी पारदर्शिता और एक्टिविज्म के आधार पर किया जाएगा।

AIMIM पर कड़ा प्रहार

एमडी चोपदार ने ओवैसी की पार्टी AIMIM को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि AIMIM का राजस्थान की राजनीति में कोई वजूद नहीं है। विधानसभा चुनाव में AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष को महज 600 वोट ही मिले थे, जो ये साबित करता है कि अल्पसंख्यक समुदाय का कांग्रेस पर भरोसा कायम है।

उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट बैंक में कोई सेंध नहीं लगी है। चोपदार ने कहा कि जो लोग किसी कारणवश कांग्रेस से दूर हुए हैं, उन्हें वापस लाने की कोशिश की जाएगी और संगठन स्तर पर इसके लिए विशेष रणनीति तैयार की जा रही है। साथ ही उन्होंने INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों से मजबूत तालमेल बनाए रखने की बात भी कही।

एकता ही कांग्रेस की ताकत

राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर उठ रहे सवालों पर भी एमडी चोपदार ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और गुटबाजी जैसी कोई चीज़ नहीं है। चोपदार ने हाल ही में राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सभी वरिष्ठ नेताओं की एक मंच पर मौजूदगी को एकता का मजबूत संकेत बताया।

उन्होंने बताया कि अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद प्रदेशभर में पार्टी कार्यकर्ता उनका जोरदार स्वागत कर रहे हैं। एमडी चोपदार फिलहाल राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन भी हैं और अब उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की कमान सौंपी गई है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि चोपदार के नेतृत्व में कांग्रेस का अल्पसंख्यक वोट बैंक और मजबूत होगा और संगठन को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

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