गूगल ने अपने AI सिस्टम में बग खोजने के लिए नया AI बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत गंभीर AI बग खोजने पर एक्सपर्ट्स को 30 हजार डॉलर (लगभग 26 लाख रुपये) तक का इनाम मिलेगा। गूगल का उद्देश्य AI सिस्टम की सुरक्षा बढ़ाना और संभावित साइबर खतरों को रोकना है।
Google AI Bug Bounty Program: गूगल ने दुनियाभर के सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और हैकर्स के लिए नया AI बग बाउंटी प्रोग्राम लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम में गूगल के प्रमुख प्रोडक्ट्स जैसे सर्च, जीमेल, ड्राइव और जेमिनी ऐप्स शामिल हैं। जो भी एक्सपर्ट AI सिस्टम में गंभीर खामी पाएगा, उसे 30 हजार डॉलर तक का इनाम मिलेगा। गूगल का मकसद AI सिस्टम की सुरक्षा मजबूत करना और संभावित साइबर खतरों को पहले ही पहचानना है।
Google का नया AI चैलेंज
गूगल ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम में बग खोजने के लिए नया AI बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत, जो भी सिक्योरिटी एक्सपर्ट गूगल के AI सिस्टम में गंभीर खामी पाएगा, उसे 30 हजार डॉलर यानी लगभग 26 लाख रुपये तक का इनाम मिलेगा। कंपनी का कहना है कि यह पहल पुराने Vulnerability Reward Program का विस्तार है, लेकिन अब फोकस खासतौर पर AI तकनीक और उसके सुरक्षा पहलुओं पर रखा गया है।
इस प्रोग्राम में गूगल के प्रमुख प्रोडक्ट्स जैसे गूगल सर्च, जीमेल, ड्राइव और जेमिनी ऐप्स शामिल हैं। इन प्लेटफॉर्म्स में बग खोजने पर एक्सपर्ट्स को 20 हजार डॉलर तक का इनाम मिलेगा, जबकि खास या अनोखी रिपोर्ट पर इनाम 30 हजार डॉलर तक जा सकता है।
बग्स की गंभीरता और संभावित खतरें
गूगल ने बताया कि इस प्रोग्राम का मकसद ऐसे बग्स ढूंढना है, जो AI सिस्टम को धोखा दे सकते हैं या डेटा की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई हैकर गूगल होम डिवाइस को ट्रिक करके स्मार्ट डोर लॉक खोल देता है या छिपे कमांड के जरिए जीमेल के ईमेल डेटा तक पहुंच बना लेता है, तो इसे गंभीर AI बग माना जाएगा।
कंपनी का कहना है कि AI सिस्टम में खामियों को पहले ही पहचान लेना जरूरी है, ताकि भविष्य में इनके गलत इस्तेमाल से बचा जा सके। पिछले दो सालों में रिसर्चर्स ने सिर्फ AI से जुड़े खतरों का पता लगाकर 4 लाख 30 हजार डॉलर से अधिक कमाए हैं।
AI को सुरक्षित बनाने के नए टूल्स
गूगल ने साथ ही नया AI टूल CodeMender भी लॉन्च किया है, जो ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में मौजूद सिक्योरिटी खामियों को खुद-ब-खुद ढूंढकर सुधारता है। अब तक इस टूल ने 70 से ज्यादा बग्स को पहचानकर ठीक किया है।
गूगल का मानना है कि AI सिर्फ खतरा नहीं है, बल्कि टेक्नोलॉजी को और सुरक्षित और मजबूत बनाने का अहम जरिया भी है। ऐसे टूल्स और बग बाउंटी प्रोग्राम से कंपनियों को अपने सिस्टम में सुरक्षा बढ़ाने और संभावित साइबर हमलों से बचाव करने में मदद मिलती है।