Meta ने घोषणा की है कि वह अपने AI चैट प्लेटफॉर्म से यूजर्स की बातचीत का इस्तेमाल टारगेटेड विज्ञापनों के लिए करेगी। यह नया नियम 16 दिसंबर 2025 से लागू होगा और फेसबुक तथा इंस्टाग्राम के 1 बिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स को प्रभावित करेगा। संवेदनशील डेटा जैसे राजनीति, धर्म और स्वास्थ्य को विज्ञापन के लिए शामिल नहीं किया जाएगा।
Meta AI Privacy Update: सोशल मीडिया दिग्गज Meta अब अपने AI चैट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल यूजर्स की बातचीत को टारगेटेड विज्ञापनों में इस्तेमाल करने के लिए करने वाला है। यह बदलाव 16 दिसंबर 2025 से लागू होगा और इसमें फेसबुक और इंस्टाग्राम के लगभग 1 बिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स शामिल होंगे। इस फैसले के तहत राजनीति, धर्म और स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषयों की चैट्स पर असर नहीं पड़ेगा। Meta का उद्देश्य AI आधारित डेटा का उपयोग करके विज्ञापन की प्रभावशीलता बढ़ाना और यूजर्स को अधिक प्रासंगिक कंटेंट दिखाना है।
यूजर्स की AI चैट पर नजर
Meta ने घोषणा की है कि कंपनी जल्द ही अपने AI चैट प्लेटफॉर्म से यूजर्स की बातचीत का इस्तेमाल टारगेटेड विज्ञापन के लिए करेगी। इस फैसले के तहत Facebook और Instagram पर AI चैट डेटा के आधार पर विज्ञापन दिखाए जाएंगे। Meta का कहना है कि यह नया नियम 16 दिसंबर 2025 से लागू होगा और इसके बारे में यूजर्स को धीरे-धीरे सूचित किया जाएगा।
कहाँ लागू होगा और कहाँ नहीं
Meta AI के इस अपडेट का असर दुनियाभर में होगा, लेकिन यूके, साउथ कोरिया और यूरोपीय संघ के देशों में यह लागू नहीं होगा। इन देशों में कड़े प्राइवेसी कानून कंपनियों को यूजर डेटा का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देते हैं। इसके अलावा, राजनीति, धर्म और स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषयों पर की गई बातचीत का डेटा विज्ञापन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
कंपनी की योजना और यूजर्स पर असर
Meta AI का इस्तेमाल करने वाले कुल 1 बिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। कंपनी का कहना है कि फिलहाल तत्काल विज्ञापन दिखाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन भविष्य में यह संभव हो सकता है। Meta CEO मार्क जुकरबर्ग ने संकेत दिया है कि AI आधारित टारगेटेड विज्ञापन कंपनी के व्यवसाय का अहम हिस्सा बन सकते हैं।