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भोपाल: इंजीनियर कीर्ति द्विवेदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, जानें पूरा मामला

भोपाल: इंजीनियर कीर्ति द्विवेदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, जानें पूरा मामला

भोपाल के कोलार में 27 वर्षीय इंजीनियर कीर्ति द्विवेदी ने मानसिक तनाव और सपनों में भगवान दिखने की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन और पुलिस का कहना है कि वह मार्च से इलाजरत थी।

भोपाल: कोलार इलाके में एक दुखद घटना सामने आई है। 27 वर्षीय इंजीनियर कीर्ति द्विवेदी ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि कीर्ति अक्सर कहती थी कि उसे सपने में भगवान दिखते हैं और वह उनके पास जाना चाहती है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि मार्च से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ी हुई थी और उसका इलाज चल रहा था।

कीर्ति द्विवेदी की पढ़ाई और पेशेवर जीवन

कीर्ति द्विवेदी ने बी.टेक की पढ़ाई पूरी की थी और इंदौर की एक कंपनी में नौकरी करती थी। उसकी नौकरी वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस दोनों तरह की थी, जिसमें वह 20 दिन इंदौर में और 20 दिन भोपाल में रहती थी। सहकर्मियों का कहना है कि कीर्ति मेहनती और मिलनसार थी, लेकिन मार्च से उसकी मानसिक स्थिति अचानक बिगड़ गई थी।

परिवार ने बताया कि कीर्ति अक्सर अजीब बातें करती थी। वह कहती थी कि उसे देवी-देवता दिखाई देते हैं और वे उसे अपने पास बुला रहे हैं। राम-सीता और हनुमान की उपस्थिति के बारे में बोलती थी और यही बातें उसके मानसिक संतुलन में उतार-चढ़ाव का संकेत देती थीं।

परिवार और घर की स्थिति

कीर्ति के पिता स्वास्थ्य विभाग में वल्लभ भवन में काम करते हैं। उसकी बड़ी बहन भी इंदौर में नौकरी करती है। घटना के समय कीर्ति अपने कमरे में अकेली थी। उसकी मां पड़ोस में कुछ काम करने गई थीं। जब मां लौटकर कमरे में पहुंचीं, तो देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है।

दरवाजा तोड़ने पर मां ने कीर्ति का शव फंदे पर लटका हुआ पाया। परिजनों ने पुलिस को तत्काल सूचना दी। पुलिस ने प्रारंभिक रूप से माना कि यह आत्महत्या का मामला है और घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने परिवार से पूछताछ की और कमरे के आस-पास के सुराग जुटाए।

कीर्ति द्विवेदी की मानसिक स्वास्थ्य

कीर्ति मार्च से मानसिक रूप से परेशान थी और उसका इलाज चल रहा था। परिवार ने बताया कि वह कई बार डॉक्टरों से मिल चुकी थी और कुछ दवाइयाँ भी ले रही थी। परंतु, उसकी मानसिक स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था। कीर्ति अक्सर सपनों में देवी-देवता को देखने की बातें करती थी और खुद को उनके पास जाना चाहती थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को समय पर पहचानना और उचित सहायता देना बेहद जरूरी है। कभी-कभी परिवार को भी मानसिक स्वास्थ्य संकेतों के प्रति जागरूक होना चाहिए। यदि उचित देखभाल और मदद समय पर मिलती, तो इस तरह की दुखद घटना रोकी जा सकती थी।

पुलिस की जाँच कार्रवाई 

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है और कोई अपराधिक तत्व इसमें शामिल नहीं है। पुलिस आसपास के लोगों और परिवार से भी जानकारी ले रही है।

इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर एक बार फिर से ध्यान खींचा है। समाज को चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से ले और आवश्यक मदद तुरंत उपलब्ध कराए। परिवारों को भी अपने प्रियजनों के व्यवहार में बदलाव पर सतर्क रहना चाहिए और समय पर विशेषज्ञों से सलाह लेना चाहिए।

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