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मोंटेक सिंह ने दी चेतावनी, जानिए क्यों भारत को नहीं अपनानी चाहिए अमेरिका की राह

मोंटेक सिंह ने दी चेतावनी, जानिए क्यों भारत को नहीं अपनानी चाहिए अमेरिका की राह

बीटी इंडिया@100 सम्मेलन में मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है, लेकिन भारत को अमेरिका का अनुसरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने मुक्त व्यापार समझौतों पर ज़ोर देते हुए कहा कि देश को 6.5% नहीं, बल्कि 9% आर्थिक वृद्धि के लिए नई रणनीति अपनानी होगी।

नई दिल्ली: बीटी इंडिया@100 शिखर सम्मेलन के मंच से योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने वैश्विक व्यापार पर अमेरिकी टैरिफ नीति के असर को लेकर गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध से दुनिया भर में व्यापार संतुलन बिगड़ा है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को इस वक्त अमेरिका की राह पर नहीं, बल्कि अपनी स्वतंत्र रणनीति पर चलना चाहिए। अहलूवालिया के अनुसार, संरक्षणवादी नीतियां भारत के दीर्घकालिक विकास के लिए सही रास्ता नहीं हैं।

ट्रंप की टैरिफ नीति से पैदा हुआ वैश्विक असंतुलन

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि यह वैश्विक व्यापार में गंभीर असंतुलन और अनिश्चितता का कारण बनी है। उन्होंने इसे नियम-आधारित वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर सीधा प्रहार बताया। अहलूवालिया के अनुसार, भले ही अमेरिका को इन फैसलों का तात्कालिक नुकसान न दिखे, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ये कदम विनाशकारी हो सकते हैं।

भारत को अमेरिका की नकल नहीं करनी चाहिए

अहलूवालिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को अमेरिका की नकल करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “सिर्फ इसलिए कि अमेरिका टैरिफ लगाकर दबाव बना रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि हमें भी वही नीति अपनानी चाहिए।” उन्होंने भारत को सलाह दी कि वो ग्लोबल ट्रेड को लेकर अपनी रणनीति खुद तय करे और दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले।

भारत के सामने तीन अहम विकल्प

अहलूवालिया ने कहा कि भारत के सामने तीन अहम विकल्प हैं:

  1. अमेरिका की राह पर चलना
  2. अपने स्वतंत्र व्यापारिक मार्ग को अपनाना
  3. या फिर वैश्विक गठबंधनों में सक्रियता बढ़ाना

उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को यूरोपीय संघ के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर काम करना चाहिए, ब्रिटेन के साथ चल रहे समझौते को मजबूत करना चाहिए और CPTPP जैसे व्यापारिक समूहों में शामिल होने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इससे भारत की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी और विश्वसनीयता दोनों बढ़ेंगी।

चीन से व्यापार को लेकर दी सावधानी बरतने की सलाह

चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों पर बात करते हुए अहलूवालिया ने माना कि रणनीतिक चिंताएं कुछ आयातों को सीमित कर सकती हैं, लेकिन उन्होंने ट्रंप जैसी सोच से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार घाटे को आधार बनाकर प्रतिबंध लगाना अर्थशास्त्र की बुनियादी समझ के खिलाफ है और इससे भारत का नुकसान हो सकता है।

6.5% नहीं, चाहिए 9% ग्रोथ रेट

भारत की आर्थिक स्थिति पर बात करते हुए अहलूवालिया ने कहा कि देश 1991 जैसी आर्थिक आपदा में नहीं है, लेकिन मौजूदा 6.5% की ग्रोथ रेट पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर भारत को युवा आबादी के लिए पर्याप्त रोजगार और समग्र विकास चाहिए, तो 9% की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी। इसके लिए सरकार को अपने रणनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है।

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