गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। 25 नए मंत्रियों को शामिल किया गया, जबकि छह पुराने मंत्रियों को उनके मंत्रालय बनाए रखने का मौका मिला। शपथ ग्रहण समारोह महात्मा मंदिर, गांधीनगर में होगा।
Gujarat Government: गुजरात की मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया गया है। इस विस्तार के तहत राज्य में कुल 25 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है। यह कदम नगर निगम चुनावों से पहले किया गया है, ताकि राजनीतिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखा जा सके। कुछ पुराने मंत्रियों को भी नए मंत्रिमंडल में वही मंत्रालय बनाए रखने का मौका मिला है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नई सूची राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपी।
कैबिनेट में शामिल 25 नए मंत्रियों की लिस्ट
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ जिन नेताओं को मंत्रिपद मिला है, उनकी पूरी सूची सामने आ गई है। इनमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व शामिल है। नई कैबिनेट में शामिल मंत्री इस प्रकार हैं:
प्रफुल्ल पैंसेरिया, कुंवरजीभाई बावलिया, ऋषिकेश पटेल, कनु देसाई, परसोतम सोलंकी, हर्ष सांघवी, प्रद्युम्न वाज, नरेश पटेल, पीसी बरंडा, अर्जुन मोढवाडिया, कांति अमृतिया, कौशिक वेकारिया, दर्शनाबेन वाघेला, जीतूभाई वाघाणी, रीवा बा जाडेजा, डॉ. जयराम गामित, त्रिकमभाई छंगा, ईश्वरसिंह पटेल, मनीषा वकील, प्रवीण माली, स्वरूपजी ठाकोर, संजयसिंह महीडा, कमलेश पटेल, रमन सोलंकी और रमेश कटारा।
इस विस्तार में छह पुराने मंत्रियों को उनके वर्तमान मंत्रालय बनाए रखने की उम्मीद है। इससे न केवल अनुभव का लाभ मिलेगा बल्कि मंत्रिमंडल में स्थिरता भी बनी रहेगी।
शपथ ग्रहण समारोह और प्रक्रिया
नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को सुबह 11:30 बजे महात्मा मंदिर, गांधीनगर में आयोजित होगा। इसमें लगभग 24 मंत्री शपथ लेंगे। समारोह से पहले मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की और व्यक्तिगत रूप से नवनिर्वाचित मंत्रियों को शामिल होने की जानकारी दी। यह मुलाकात मंत्रिमंडल विस्तार की औपचारिक प्रक्रिया का हिस्सा मानी जा रही है।
शपथ ग्रहण के दौरान सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
कैबिनेट विस्तार के पीछे की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस कैबिनेट विस्तार का मुख्य उद्देश्य आगामी नगर निगम चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करना है। इस फैसले के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं। पहला, सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना। दूसरा, ओबीसी और पाटीदार नेताओं को मंत्रिपद के माध्यम से सत्ता में शामिल करना। तीसरा, सरकार के कामकाज में नई ऊर्जा और विविधता लाना।
पुराने और नए मंत्रियों का संतुलन
नई कैबिनेट में 25 नए मंत्रियों के साथ पुराने मंत्रियों का अनुभव भी शामिल है। छह पुराने मंत्रियों को उनके मंत्रालय बनाए रखने का मौका मिला है। इससे न केवल कार्यकुशलता बढ़ेगी बल्कि सरकार की नीति और निर्णय लेने की प्रक्रिया में स्थिरता भी बनी रहेगी।