बिहार सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है और अब वह राजद में शामिल हो गए हैं। उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की है। लक्ष्मेश्वर राय लौकहा विधानसभा क्षेत्र से टिकट की उम्मीद कर रहे थे। वर्ष 2020 में उन्हें राजद के भारत भूषण मंडल ने हरा दिया था।
पटना: बिहार राजनीतिक गलियारों में नया सियासी भूचाल देखने को मिला है। पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता लक्ष्मेश्वर राय ने जनता दल (यूनाइटेड) से इस्तीफा देकर राजद (RJD) का दामन थाम लिया है। यह कदम बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आया है और राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा जोरों पर है।
लक्ष्मेश्वर राय ने खुद इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने जदयू छोड़कर रालोद (RJD) जॉइन किया है। उनका मुख्य उद्देश्य लौकहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना था, लेकिन 2020 में उन्हें यहां राजद के भारत भूषण मंडल से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उनका राजनैतिक मनोबल बढ़ाने की उम्मीद जदयू में समाप्त होती नजर आई और उन्होंने राजद में शामिल होने का फैसला किया।
लौकहा विधानसभा सीट
लौकहा विधानसभा सीट बिहार में जदयू के लिए एक प्रतिष्ठित क्षेत्र मानी जाती है। वर्ष 2020 में इस सीट पर चुनावी राजनीति काफी पेचीदा रही। जदयू प्रत्याशी लक्ष्मेश्वर राय के लिए यह सीट जीतना बेहद महत्वपूर्ण था, लेकिन भाजपा के पूर्व प्रत्याशी प्रमोद प्रियदर्शी की बगावत और लोजपा से चुनाव लड़ने के कारण लक्ष्मेश्वर राय को हार का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस सीट पर अपनी नजर रखी थी और दो माह में वह दो बार इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। इसी दौरान लक्ष्मेश्वर राय ने स्पष्ट संकेत दिए थे कि अगर उन्हें लौकहा से टिकट नहीं मिला तो वे किसी अन्य राजनीतिक विकल्प की तलाश करेंगे।
लक्ष्मेश्वर राय ने जदयू से दिया इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार, पटना में राजनीतिक समीकरणों और पार्टी की नीतियों को लेकर लक्ष्मेश्वर राय ने जदयू से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। पार्टी नेतृत्व द्वारा उनके प्रस्तावों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेने के बाद उन्होंने राजद में शामिल होने का रास्ता चुना। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल जदयू के लिए झटका है, बल्कि राजद के लिए चुनावी रणनीति में भी अहम भूमिका निभा सकता है। इसके साथ ही, बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक यह सीट उनकी आधिकारिक चुनावी जर्नी के लिए पुष्ट नहीं हुई है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, लक्ष्मेश्वर राय का राजद में शामिल होना बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी में नया मोड़ ला सकता है। उनके इस कदम से जदयू को न केवल लौकहा क्षेत्र में चुनौती मिल सकती है, बल्कि विपक्षी दलों को भी ताकत मिल सकती है।