News9 Global Summit 2025 में जर्मनी के स्टटगार्ट में भारतीय स्टार्टअप्स और युवा टैलेंट की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई। AI, ब्लॉकचेन और इनोवेशन पर चर्चा हुई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि भारत का डिजिटल और इंजीनियरिंग टैलेंट जर्मनी की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ मिलकर नए आर्थिक अवसर और उद्योग पैदा कर सकता है।
News9 Global Summit 2025: जर्मनी के स्टटगार्ट में 9 अक्टूबर को आयोजित इस समिट में भारतीय स्टार्टअप्स और युवा टैलेंट को वैश्विक मंच पर पेश किया गया। इस समिट में AI, ब्लॉकचेन और इनोवेशन के महत्व पर चर्चा हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने बताया कि भारत का डिजिटल और इंजीनियरिंग टैलेंट जर्मनी की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ मिलकर बड़े आर्थिक अवसर और नए उद्योग पैदा कर सकता है। पैनलिस्टों ने स्टार्टअप्स की रणनीति, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और भारत-जर्मनी सहयोग की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
भारत की प्रतिभा और जर्मनी की टेक्नोलॉजी का संगम
News9 Global Summit 2025 का आयोजन 9 अक्टूबर को जर्मनी के स्टटगार्ट में किया गया, जिसमें भारतीय स्टार्टअप्स और युवा टैलेंट को वैश्विक मंच पर पेश किया गया। इस समिट में AI, ब्लॉकचेन और इनोवेशन पर विस्तृत चर्चा हुई। पैनलिस्टों ने माना कि भारत का डिजिटल और इंजीनियरिंग टैलेंट जर्मनी की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ मिलकर दुनिया को नई दिशा दे सकता है।
क्वांटम सिस्टम्स के जैन-फ्रेडरिक डेमनहेन और ब्लॉकब्रेन के सह-संस्थापक होंजा न्गो ने भारतीय पेशेवरों की सराहना की। उनका कहना था कि भारत का टैलेंट वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह सक्षम है और सही साझेदारी से बड़े आर्थिक अवसर पैदा हो सकते हैं।
Innovation Handbook
समिट का प्रमुख सत्र ‘THE INNOVATION HANDBOOK’ था, जिसमें विचार, प्रश्न और छोटे इनोवेटिव कदम कैसे बड़े बिजनेस मॉडल में बदल सकते हैं, इस पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि सफल स्टार्टअप केवल अच्छे आइडिया से नहीं बल्कि बाजार की जरूरत, टीम की क्षमता और आर्थिक प्रभाव को समझकर ही तैयार होते हैं।
यह सत्र खास इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें स्टार्टअप संस्थापकों को व्यावहारिक रणनीतियों और ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा की बारीकियों के बारे में मार्गदर्शन दिया गया। चर्चा में यह भी सामने आया कि कैसे एक नया उद्योग जन्म ले सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकता है।
दोनों देशों के लिए जीत सुनिश्चित
जर्मन इंडियन इनोवेशन कॉरिडोर के मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ भसीन ने कहा कि भारत के 5-10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को साकार करने में जर्मनी के अनुभव का महत्व है। वहीं, जर्मनी को भारत के डिजिटल टैलेंट की आवश्यकता है। इस साझेदारी से दोनों देशों को तकनीकी और आर्थिक लाभ मिलेगा।
पैनलिस्ट आन्या हेंडेल ने कहा कि भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो वैश्विक इनोवेशन में भारत की प्रमुख भूमिका को दर्शाता है। AI, ब्लॉकचेन और ड्रोन जैसी तकनीकों में भारतीय पेशेवरों की भूमिका अहम रही। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भारतीय टैलेंट को सिर्फ फ्रीलांसर के रूप में नहीं, बल्कि टीम का हिस्सा बनाकर मालिकाना हक और जिम्मेदारी देना जरूरी है।