पाकिस्तान और पीओके में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा दी है। अब तक 214 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत प्रभावित हुआ है। कई पुल और सड़कें बह गईं, घर ढह गए और सेना राहत-बचाव कार्य में लगी हुई है। 21 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी दी गई है।
Heavy Rain In Pakistan: POK के कई हिस्सों में पिछले 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अचानक आई बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां अकेले बुनेर जिले में 92 लोगों की मौत हुई। कुल मिलाकर 214 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और कई लापता हैं। बाढ़ में पुल, सड़कें और मकान बह गए, जबकि सेना और बचाव दल राहत कार्य में जुटे हैं। अधिकारियों ने 21 अगस्त तक और बारिश का अलर्ट जारी किया है।
खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा तबाही
अधिकारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुई हैं। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि यहां पिछले 24 घंटों में अचानक आई बाढ़ से 198 लोगों की जान चली गई। इनमें 14 महिलाएं और 12 बच्चे भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा असर बुनेर जिले पर पड़ा है, जहां अकेले 92 मौतें हुई हैं। इसके अलावा मानसेहरा, बाजौर, बटाग्राम, लोअर दीर और शांगला में भी भारी नुकसान की खबरें हैं।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राहतकर्मी मारे गए
प्रांतीय सरकार ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर भी भेजे थे। लेकिन खराब मौसम की वजह से एक हेलीकॉप्टर मोहमंद आदिवासी जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में चालक दल के दो सदस्य और तीन राहतकर्मी मारे गए। प्रशासन ने सभी जिलों के अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है और दवाओं व उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
स्वात और बाजौर में सेना का अभियान
स्वात और बाजौर जिलों में पाकिस्तानी सेना लगातार राहत अभियान चला रही है। सेना की टीमें नावों और अन्य साधनों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। कई जगहों पर गांव पूरी तरह डूब गए हैं और सड़कों पर पानी भर जाने से आवाजाही बंद हो गई है।
मुख्यमंत्री गंडापुर के निर्देश
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर ने बचाव कार्यों की निगरानी खुद शुरू कर दी है। उन्होंने अधिकारियों को सभी संसाधनों को राहत और बचाव कार्यों में लगाने का आदेश दिया है। मलकंद के आयुक्त और बाजौर के उपायुक्त को कहा गया है कि वे प्रभावित इलाकों में रहकर राहत कार्यों की निगरानी करें।
गिलगित-बाल्टिस्तान में भी भारी नुकसान
बारिश और बाढ़ ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। काराकोरम राजमार्ग और बाल्टिस्तान राजमार्ग जैसी अहम सड़कें बंद हो गई हैं। नीलम घाटी में पर्यटकों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है।
बाढ़ में कई पुल भी बह गए हैं। लावत नाले पर बने दो पुल और जागंरन नाले में उफान से कुंडल शाही का पुल टूट गया। एक रेस्तरां और तीन मकान भी बाढ़ में बह गए।
भूस्खलन से जान का नुकसान
मुजफ्फराबाद जिले के सारली साचा गांव में एक बड़ा भूस्खलन हुआ। इसमें एक मकान पूरी तरह दब गया। आशंका जताई जा रही है कि घर के अंदर मौजूद एक ही परिवार के छह सदस्य मलबे में दबकर मारे गए। सुधनोटी जिले में एक 26 वर्षीय युवक नाले में बह गया, जबकि बाग जिले में एक महिला की मौत घर गिरने से हो गई।
21 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि खैबर पख्तूनख्वा और आस-पास के इलाकों में 21 अगस्त तक रुक-रुककर भारी बारिश हो सकती है। इससे बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।
अभी तक हजारों लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं। राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाया जा रहा है। स्कूल और सरकारी इमारतों को अस्थायी राहत केंद्र बना दिया गया है।