IHCL के Q2 नतीजे बाजार अनुमान से कमजोर रहे, जिससे नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने शेयर की रेटिंग घटाकर Reduce कर दी। टारगेट प्राइस ₹743 से घटाकर ₹636 कर दिया गया है। होटल कारोबार में धीमी वृद्धि और RevPAR कमजोरी प्रमुख कारण रहे।
Q2 Result: ताज होटल्स चलाने वाली इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) ने सितंबर तिमाही के नतीजे पेश किए हैं। कंपनी की आय और मुनाफा बढ़ा है, लेकिन यह वृद्धि बाजार की उम्मीदों के अनुसार नहीं रही। इसी कारण ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इस शेयर पर अपनी राय बदलते हुए इसे Reduce रेटिंग दी है।
नुवामा का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले महीनों में शेयर की कीमत में गिरावट की संभावना बनी हुई है। पहले इस शेयर का टारगेट प्राइस ₹743 था, जिसे घटाकर अब ₹636 कर दिया गया है। यानी ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि निवेशकों के लिए यह समय सावधानी बरतने का है।
कमजोर तिमाही प्रदर्शन का विवरण
कंपनी की कुल आय 12% बढ़कर ₹2,041 करोड़ तक पहुंची है। यह वृद्धि सकारात्मक दिखती है, लेकिन बाजार जिन नतीजों की उम्मीद कर रहा था, कंपनी उनका स्तर हासिल नहीं कर पाई।
IHCL का ऑपरेटिंग मुनाफा (EBITDA) 14% बढ़ा और शुद्ध लाभ (PAT) में 15% की बढ़त रही। हालांकि, होटल कारोबार में वास्तविक वृद्धि मात्र 7% थी। होटल उद्योग में इतनी धीमी वृद्धि पिछले कुछ तिमाहियों की तुलना में कम मानी जा रही है।
कंपनी ने बताया कि व्यवसाय पर कई बाहरी कारकों का असर पड़ा। इनमें भारी बारिश, उड़ानों में बाधाएं, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और कुछ बड़े होटलों में मरम्मत कार्य शामिल रहा। इन मरम्मत कार्यों में ताज पैलेस दिल्ली, प्रेसिडेंट मुंबई और फोर्ट अगुआडा गोवा जैसे महत्वपूर्ण होटल शामिल हैं।
इसके प्रभाव के कारण कंपनी की RevPAR (प्रति कमरे की आय) कमजोर रही। RevPAR में गिरावट का मुख्य कारण यह था कि कमरों के किराए यानी ARR में कमी देखी गई। यह पिछले तीन वर्षों में सबसे धीमी वृद्धि मानी जा रही है।
संचालन और बाजार स्थितियों का प्रभाव
इस तिमाही में कई ऐसी परिस्थितियां रहीं जिनका सीधा असर होटल उद्योग पर पड़ा। मौसम संबंधी कारणों से कई शहरों में यात्रा प्रभावित हुई। उड़ानों में कैंसिलेशन और देरी के चलते पर्यटकों और बिजनेस ट्रैवलर्स की संख्या कम हुई।
इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर कई क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थितियां बनी रहीं। इस कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का प्रवाह प्रभावित हुआ। ऐसे समय में होटल व्यवसाय का प्रदर्शन आमतौर पर धीमा पड़ता है क्योंकि पर्यटक अपनी यात्राएं टाल देते हैं या उनमें कमी करते हैं।
IHCL के लिए एक और चुनौती उन होटलों की मरम्मत रही जो लंबे समय से कंपनी की ब्रांड पहचान और आकर्षण का हिस्सा रहे हैं। बड़े ब्रांडेड होटल्स की मरम्मत के दौरान उनकी उपलब्धता कम हो जाती है, जिससे कमरों की संख्या सीमित हो जाती है और आय प्रभावित होती है।
घरेलू कारोबार की स्थिति
भारत में IHCL के अधिकतर होटल्स का प्रदर्शन इस तिमाही में उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। कंपनी के रूम रेवेन्यू में लगभग 1% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, फूड एंड बेवरेज (F&B) यानी खाने-पीने के सेगमेंट से आय में करीब 2% की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
यानी कमरों की बुकिंग और रुकने वाले ग्राहकों की संख्या में कमी देखी गई, लेकिन होटल रेस्तरां और इवेंट आधारित सेवाओं में आंशिक सुधार रहा।
कंपनी का TajSATS सेगमेंट, जो कैटरिंग सेवाओं पर आधारित है, इस तिमाही में बेहतर प्रदर्शन करता रहा। इस व्यवसाय की आय 14% बढ़ी। हालांकि, यहां भी EBITDA मार्जिन थोड़ा घटकर 24.2% पर आ गया।
इस गिरावट का कारण बढ़ती लागत और संचालन खर्चों में बढ़ोतरी को माना जा सकता है, लेकिन कंपनी ने इसके बारे में कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं की।
अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय की स्थिति
विदेशी बाजारों में IHCL का प्रदर्शन इस तिमाही में मिश्रित रहा। ब्रिटेन (UK) और अमेरिका (US) में कंपनी के कुछ होटल्स ने बेहतर प्रदर्शन किया, खासकर लंदन में नवीनीकरण के बाद आय में सुधार देखने को मिला।
लेकिन कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय कारोबार से कंपनी को ₹4 करोड़ का घाटा हुआ। पिछली तिमाही में कंपनी को इसी सेगमेंट से मुनाफा हुआ था। इस बदलाव से यह संकेत मिलता है कि अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और पर्यटन की रिकवरी अभी स्थिर स्तर पर नहीं आई है।
नेटवर्क विस्तार की वर्तमान स्थिति
IHCL लगातार अपनी होटल चेन का विस्तार कर रही है। फिलहाल कंपनी के पास कुल 435 होटल्स का नेटवर्क है जिनमें 50,000 से अधिक कमरे शामिल हैं। इनमें से 268 होटल्स पहले से संचालित हो रहे हैं, जबकि बाकी होटल्स नए समझौतों या विकास चरण में हैं।
वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही (H1FY26) में कंपनी ने 46 नए होटल्स के लिए समझौते किए और 26 नए होटल्स को शुरू किया। इससे यह स्पष्ट है कि कंपनी विस्तार की गति को बनाए रखे हुए है।
कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है। IHCL का Taj Frankfurt होटल इस वित्त वर्ष के अंत तक शुरू किया जा सकता है। कंपनी का मानना है कि ब्रांड विस्तार से लंबे समय में आय और बाजार हिस्सेदारी दोनों में सुधार होगा।
ब्रोकरेज हाउस की रेटिंग और टारगेट प्राइस
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि इस तिमाही के कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी की आय और मुनाफे के अनुमान को नीचे की ओर संशोधित किया गया है।
FY26 के लिए आय अनुमान में 1.4% और मुनाफे में 4.6% की कटौती की गई है। इसी आधार पर IHCL का टारगेट प्राइस ₹648 से घटाकर ₹636 कर दिया गया है।
नुवामा का कहना है कि होटल उद्योग में फिलहाल प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और मांग की गति पहले की तरह तेज नहीं दिख रही। ऐसे में IHCL के प्रदर्शन में तत्काल बड़े सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।













