Columbus

रांची में ईडी का बड़ा एक्शन: नक्सली मुखिया और सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा, पत्नियों ने भी दिया साथ

रांची में ईडी का बड़ा एक्शन: नक्सली मुखिया और सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा, पत्नियों ने भी दिया साथ

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के मुखिया बताये जाने वाले दिनेश गोपे और 19 सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा एक्शन लिया। आरोप है कि दिनेश और उसके गिरोह ने आतंक और वसूली के जरिए करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की, जिसमें उसकी दोनों पत्नियां भी शामिल थीं।

रांची, झारखंड: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के मुखिया बताये जाने वाले दिनेश गोपे और उसके 19 सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत चार्जशीट दाखिल की। ED की जांच में सामने आया कि दिनेश व उसके गिरोह ने ठेकेदारों, कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से धमकाकर वसूली की और करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। इसमें उसकी दोनों पत्नियां भी शामिल थीं, जिन्होंने ब्लैक मनी को फर्जी कंपनियों के जरिए वाइट करने में मदद की। ED ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद संपत्तियों को जब्त करने और मुकदमा चलाने की मांग की है।

दिनेश गोपे और उसके गिरोह की कार्रवाई

ED की जांच में सामने आया कि दिनेश गोपे ने अपने गिरोह के साथ ठेकेदारों, व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से धमकियों और हिंसा के माध्यम से वसूली की। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई। ED ने अब तक 3.36 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रेल का पता लगाया है। यह जांच झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज किए गए कई एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर की गई थी। इन मामलों में हत्या, हत्या की कोशिश, वसूली और आतंक फैलाने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

पत्नियों की भूमिका

जांच में यह भी सामने आया कि दिनेश गोपे की दोनों पत्नियां शकुंतला कुमारी और हीरा देवी, अवैध कमाई को वैध दिखाने में सक्रिय थीं। दिनेश ने वसूली से मिले कैश को अपनी दोनों पत्नियों के नाम से चल रही फर्जी कंपनियों में लगाया। इन कंपनियों का कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था, बल्कि इन्हें केवल काले धन को बैंकिंग सिस्टम में वैध दिखाने के लिए इस्तेमाल किया गया।

ED की कार्रवाई और अदालत में चार्जशीट

दिनेश गोपे को ED ने 20 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया था। अब दायर पूरक अभियोजन शिकायत (Supplementary Prosecution Complaint) में ED ने सभी 21 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और जब्त की गई संपत्तियों को कब्जे में लेने की मांग की है। ED ने कहा है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और इसके और खुलासे आने की संभावना है।

मनी लॉन्ड्रिंग का जाल

दिनेश और उसके गिरोह ने वसूली किए गए पैसों को हवाला नेटवर्क, स्थानीय मनी ट्रांसफर एजेंट और तीसरे पक्ष के व्यवसायों के माध्यम से कई बार घुमाया। इससे पैसा वैध प्रतीत होता रहा और असली स्रोत छिपा रहा। अंततः यह पैसा लग्जरी गाड़ियों, फिक्स्ड डिपॉजिट और परिवार के खर्चों में इस्तेमाल किया गया। इससे पहले ED ने PLFI के अहम सदस्य निवेश कुमार के खिलाफ भी 4 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज की थी, जिसमें से 2 करोड़ रुपये दिनेश गोपे से हथियार और गोला-बारूद खरीदने में इस्तेमाल हुए थे।

जांच की गहनता

ED ने बताया कि इस पूरे मामले में दिनेश गोपे और उसके गिरोह ने न केवल आर्थिक अपराध किए हैं, बल्कि आतंक और हिंसा का सहारा लेकर आम लोगों और व्यापारियों को डरा-धमकाया। जांच में यह भी सामने आया कि पत्नियों ने भी मनी लॉन्ड्रिंग में सक्रिय भूमिका निभाई और फर्जी कंपनियों के जरिए काले धन को वैध दिखाने की कोशिश की।

Leave a comment