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राष्ट्रीय लॉटरी दिवस 2025: इतिहास, महत्व और और मानाने का तरीका

राष्ट्रीय लॉटरी दिवस 2025: इतिहास, महत्व और और मानाने का तरीका

अगर आपको लगता है कि 17 जुलाई का दिन आपके लिए कुछ अधिक सौभाग्य लेकर आता है, तो इसकी एक खास वजह हो सकती है। इस दिन को राष्ट्रीय लॉटरी दिवस (National Lottery Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल लॉटरी की ऐतिहासिक भूमिका और उसके योगदान को रेखांकित करता है, बल्कि लोगों में भाग्य आजमाने की एक उत्साहजनक भावना भी भरता है।

आज के दिन हम यह भी याद करते हैं कि किस तरह स्थानीय और राज्य स्तर पर लॉटरी से प्राप्त धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण जैसी योजनाओं में सहायक बनती है।

राष्ट्रीय लॉटरी दिवस का इतिहास

लॉटरी का इतिहास बेहद प्राचीन है। 15वीं शताब्दी में इसकी शुरुआत यूरोप के बेल्जियम शहर ब्रुग्स में हुई थी। 1441 में शुरू हुई इस लॉटरी का मकसद था स्थानीय गरीबों को सहायता देना, गांवों की आवश्यकताओं की पूर्ति करना और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना। मैनफ्रेड ज़ोलिंगर, जिन्होंने "रैंडम रिचेज़" नामक पुस्तक लिखी है, उनके अनुसार उस समय व्यापारी नकद इनाम जीतने के लिए पैसे लगाते थे। 

कई बार इनाम के रूप में वाइन ट्रांसपोर्टर का टैक्स फार्म दिया जाता था। इस जीत के साथ विजेता को व्यापारिक विशेषाधिकार भी मिलते थे, जैसे वाइन की गुणवत्ता पर नियंत्रण। ऐसे में यह लॉटरी सिर्फ पैसे नहीं, सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्ठा भी दिलाती थी।

अमेरिका में लॉटरी का इतिहास

अमेरिका में लॉटरी का महत्व अमेरिकी क्रांति के समय से देखा जा सकता है। उस दौर में लॉटरी से मिले फंड से तोप और हथियारों की खरीद की गई थी। बाद में, लॉटरी के पैसों से पूर्वी तट पर सड़कें और सार्वजनिक ढांचे तैयार किए गए। आज अमेरिका में लगभग हर राज्य की अपनी लॉटरी व्यवस्था है और इनसे मिलने वाला फंड उन राज्यों के सरकारी कार्यक्रमों, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक योजनाओं में उपयोग होता है।

राष्ट्रीय लॉटरी दिवस का आरंभ

मैसाचुसेट्स स्टेट लॉटरी ने 2018 में इस दिवस की स्थापना की थी। इस दिन का उद्देश्य था उपभोक्ताओं को लॉटरी उत्पादों के लिए विशेष ऑफर और प्रचार देना, साथ ही लॉटरी के सकारात्मक योगदान को रेखांकित करना। मैसाचुसेट्स स्टेट लॉटरी ने 1972 में अपना पहला टिकट बेचा था, और तब से यह राज्य में स्थानीय सहायता का अहम स्रोत बन गई है। इस पहल के तहत, राष्ट्रीय दिवस कैलेंडर के रजिस्ट्रार ने इसे हर साल 17 जुलाई को मनाने की घोषणा की।

राष्ट्रीय लॉटरी दिवस का महत्व

  • आर्थिक योगदान: राज्य और स्थानीय लॉटरी से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा सार्वजनिक कल्याण और सामाजिक योजनाओं में लगाया जाता है। स्कूलों, सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं, और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में लॉटरी से प्राप्त फंड महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • मनोरंजन और भाग्य: लॉटरी केवल एक खेल या जुए का माध्यम नहीं है, बल्कि यह कई लोगों के लिए उम्मीद और सपनों की सीढ़ी भी है। कहीं-कहीं यह छोटी रकम में लोगों को करोड़पति बना देती है।
  • सामाजिक जुड़ाव: इस दिन को मनाने के पीछे यह भावना भी जुड़ी है कि समाज में लॉटरी के योगदान और उसकी पारदर्शिता को समझा जाए। लोग जागरूक हों कि उनकी भागीदारी कैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं में योगदान दे रही है।

राष्ट्रीय लॉटरी दिवस कैसे मनाएं?

  • स्थानीय लॉटरी के प्रचारों पर नजर रखें: इस दिन कई लॉटरी कंपनियां विशेष छूट या ऑफर देती हैं। ऐसे प्रचार में भाग लेकर अपनी किस्मत आजमाई जा सकती है।
  • लॉटरी के योगदान का जश्न मनाएं: आप अपने शहर या राज्य की लॉटरी से जुड़े सकारात्मक कार्यों के बारे में जान सकते हैं। कैसे ये फंड स्कूल, अस्पताल या पब्लिक पार्क के विकास में मदद कर रहे हैं, इस पर जानकारी साझा कर सकते हैं।
  • सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें: अपने विचार या लॉटरी से जुड़े अनुभवों को सोशल मीडिया पर #NationalLotteryDay और #राष्ट्रीयलॉटरीदिवस हैशटैग के साथ साझा करें। इससे और लोग भी जागरूक होंगे।
  • सतर्क और जिम्मेदारी से खेलें: लॉटरी भाग्य का खेल जरूर है, लेकिन यह जरूरी है कि लोग इसे जिम्मेदारी से खेलें और लालच या लत से बचें।

भारत में भी कुछ राज्य सरकारें राज्य लॉटरी का आयोजन करती हैं, जैसे केरल, महाराष्ट्र, पंजाब आदि। इन राज्यों में लॉटरी से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में खर्च होता है। हालांकि, भारत के कई राज्यों में लॉटरी को प्रतिबंधित भी किया गया है। भारत में लॉटरी के जरिये हजारों लोगों को रोज़गार मिला हुआ है और कई सरकारी योजनाओं को इससे आर्थिक बल मिलता है।

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