संसद की कैंटीन का मेन्यू अब पूरी तरह हेल्दी हो गया है। सांसदों को अब मिलेगा मिलेट्स से बना हाई प्रोटीन भोजन, शुगर फ्री डेज़र्ट और हेल्दी ड्रिंक्स। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत यह बदलाव किया गया है।
New Menu in Parliament: सांसदों की सेहत को ध्यान में रखते हुए संसद भवन की कैंटीन के मेन्यू में बड़ा बदलाव किया गया है। अब कैंटीन में मिलेट आधारित भोजन, कम शुगर और हाई फाइबर डाइट को प्राथमिकता दी गई है। हेल्दी सलाद, ग्रिल्ड चिकन, शुगर-फ्री डेज़र्ट और न्यूट्रिशन से भरपूर खाने को मेन्यू में शामिल किया गया है।
हेल्दी डाइट की दिशा में अहम कदम
संसद भवन की कैंटीन में अब हाई कैलोरी और अधिक फैट वाले भोजन की जगह हेल्दी विकल्पों को प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत यह कदम उठाया गया है जिसमें सभी केंद्रीय संस्थानों को हेल्दी डाइट अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। सांसदों के खानपान में अब कम शुगर, कम सोडियम और कम फैट वाले फूड आइटम्स शामिल किए गए हैं।
नए मेन्यू में मिलेट और प्रोटीन युक्त भोजन
नए मेन्यू में खासतौर पर मिलेट यानी मोटे अनाज को महत्व दिया गया है। इसमें जौ, रागी, ज्वार जैसे अनाज से बने व्यंजन शामिल हैं जो ग्लूटेन-फ्री और न्यूट्रीशियस होते हैं। कैंटीन में अब स्प्राउट सलाद, जौ और ज्वार का सलाद, छोले चाट और गार्डन फ्रेश सलाद जैसे हेल्दी ऑप्शंस उपलब्ध होंगे।
हेल्दी स्नैक्स और मुख्य भोजन के विकल्प
हेल्दी बाइट्स के रूप में सांसदों को अब सोया कबाब, रागी मिलेट इडली, सब्ज़ पोहा, ज्वार उपमा, मूंग दाल चीला, मखाना भेल और मिलेट खिचड़ी दी जाएगी। ये सभी फूड आइटम्स कम कैलोरी और अधिक पोषण के साथ तैयार किए जाएंगे जिससे शरीर को जरूरी एनर्जी तो मिले लेकिन मोटापा ना बढ़े।
हेल्दी ड्रिंक्स और शुगर-फ्री मिठाइयां भी मेन्यू में
ड्रिंक्स की बात करें तो अब कैंटीन में आइस टी, ग्रीन टी, हर्बल टी, मसाला सत्तू, आमपन्ना, प्लेन और मसाला छाछ तथा केरला लस्सी जैसे हेल्दी पेय पदार्थ दिए जाएंगे। मिठाई के रूप में शुगर फ्री मिक्स मिलेट खीर को मेन्यू में जोड़ा गया है जो स्वाद के साथ सेहत का भी ध्यान रखती है।
नॉन-वेजिटेरियन सांसदों के लिए भी खास व्यवस्था
नॉन-वेजिटेरियन सांसदों के लिए भी हेल्दी विकल्प जोड़े गए हैं। अब ग्रिल्ड चिकन और ग्रिल्ड फिश के साथ उबली सब्जियां परोसी जाएंगी। ये डिशेस हाई प्रोटीन के साथ कम फैट वाली होंगी जिससे शरीर को ऊर्जा मिले लेकिन अतिरिक्त कैलोरी ना बढ़े।
ऑयल और शुगर बोर्ड होंगे अनिवार्य
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने कैंटीन या फूड सर्विस एरिया में 'ऑयल और शुगर बोर्ड' लगाएं। इन बोर्ड्स पर भोजन में इस्तेमाल हुए फैट, शुगर और अन्य पोषण संबंधित जानकारी साफ-साफ अंकित होनी चाहिए। इससे खाने वालों को यह पता चल सकेगा कि वे जो खा रहे हैं वह कितना हेल्दी है।
2050 तक मोटापे के गंभीर खतरे की चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में बढ़ते मोटापे को लेकर चिंता जताई है। अनुमान है कि वर्ष 2050 तक भारत में 45 करोड़ लोग मोटापे की चपेट में आ सकते हैं। यह आंकड़ा भारत को अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा मोटापे से प्रभावित देश बना सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए संसद से शुरुआत करते हुए इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।