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रेलवे ने बदले इमरजेंसी कोटा टिकट के नियम! अब एक दिन पहले करना होगा आवेदन, जानें डिटेल्स

रेलवे ने बदले इमरजेंसी कोटा टिकट के नियम! अब एक दिन पहले करना होगा आवेदन, जानें डिटेल्स

रेलवे ने इमरजेंसी कोटा टिकट नियमों में बदलाव करते हुए अब ट्रेन प्रस्थान से एक दिन पहले तक आवेदन अनिवार्य कर दिया है। समय सीमा के बाद आवेदन अस्वीकार होगा।

Emergency Quota Ticket: भारतीय रेलवे ने इमरजेंसी कोटा (Emergency Quota) टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब इमरजेंसी कोटे के तहत टिकट पाने के लिए यात्रियों को पहले से ज्यादा सतर्क और योजनाबद्ध रहना होगा। रेलवे मंत्रालय ने एक नया परिपत्र जारी करके यह स्पष्ट कर दिया है कि अब इस कोटे के तहत टिकट के लिए आवेदन ट्रेन के प्रस्थान से एक दिन पहले ही करना होगा। यह बदलाव रेलवे द्वारा चार्ट तैयार करने की समय-सीमा में किए गए नए नियमों के अनुरूप है।

क्या है इमरजेंसी कोटा?

इमरजेंसी कोटा वह विशेष कोटा होता है जो आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों को टिकट देने के लिए आरक्षित रहता है। इसमें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, आकस्मिक मृत्यु, सरकारी अधिकारियों की आवश्यक यात्रा, रक्षा कर्मचारियों की तैनाती आदि जैसे कारणों से टिकट की आवश्यकता पड़ती है। यह कोटा रेलवे के विशेष अधिकारियों की स्वीकृति से ही दिया जाता है।

नए नियम क्या कहते हैं?

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी परिपत्र में बताया गया है कि अब यात्रियों को ट्रेन के प्रस्थान से कम से कम एक दिन पहले इमरजेंसी कोटा के लिए आवेदन करना होगा। इस गाइडलाइन को दो हिस्सों में बांटा गया है:

  • सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे के बीच रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए

इमरजेंसी कोटा का अनुरोध यात्रा से एक दिन पहले दोपहर 12:00 बजे तक संबंधित आपातकालीन प्रकोष्ठ तक पहुंचना चाहिए।

  • दोपहर 2:01 बजे से रात 12:59 बजे के बीच रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए

अनुरोध यात्रा से एक दिन पहले शाम 4:00 बजे तक आपातकालीन प्रकोष्ठ में जमा होना चाहिए।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

रेलवे ने यह फैसला हाल ही में लिए गए एक अन्य निर्णय के कारण लिया है, जिसके तहत अब ट्रेन के रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले तैयार किए जाएंगे, जबकि पहले यह अवधि 4 घंटे थी। यानी अब रेलवे को ज्यादा समय पहले चार्ट को फाइनल करना होता है, जिससे इमरजेंसी कोटा टिकट आवंटन भी उसी समयसीमा में करना जरूरी हो गया है। रेलवे के मुताबिक, इस बदलाव का मकसद टिकट बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और योजनाबद्ध बनाना है ताकि कोई भी कोटा का दुरुपयोग न कर सके और जिन लोगों को वाकई में टिकट की सख्त जरूरत है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मदद दी जा सके।

यात्रियों को क्या सावधानी रखनी होगी?

अब यात्रियों को पहले से ही अपनी यात्रा की योजना बनाकर रखना होगा और यदि उन्हें इमरजेंसी कोटे के तहत टिकट चाहिए तो उन्हें निर्धारित समय सीमा से पहले ही आवेदन करना होगा। देरी होने पर उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए अहम है जो अंतिम समय पर सरकारी अनुशंसा पत्र या मेडिकल इमरजेंसी के आधार पर टिकट पाने की उम्मीद करते हैं।

कौन-कौन कर सकता है इमरजेंसी कोटे के लिए आवेदन?

रेलवे मंत्रालय के नियमों के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणियों में आने वाले यात्री इमरजेंसी कोटे के लिए आवेदन कर सकते हैं:

  • गंभीर बीमारियों वाले मरीज और उनके परिजन
  • सरकारी या रक्षा कर्मी जो ड्यूटी पर जा रहे हों
  • आकस्मिक पारिवारिक कारण जैसे मृत्यु या दुर्घटना
  • संसद सदस्य, न्यायाधीश या वरिष्ठ सरकारी अधिकारी जिनकी यात्रा आवश्यक हो
  • हर अनुरोध के साथ उचित दस्तावेज और प्रामाणिकता जरूरी होगी।

तत्काल टिकट बुकिंग में भी हुए हैं बदलाव

रेलवे ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में भी बदलाव किया है। अब केवल वेरिफाइड यूजर्स ही तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे। यह फैसला फर्जी बुकिंग और बॉट्स द्वारा टिकट हड़पने की शिकायतों के बाद लिया गया है। इसके लिए यूजर को आईडी प्रूफ, मोबाइल नंबर और ईमेल वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।

रेलवे का उद्देश्य क्या है?

रेल मंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि इन सभी बदलावों का मकसद प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और यात्रियों के अनुकूल बनाना है। इमरजेंसी कोटे के जरिए जरूरतमंदों को सहायता देना जरूरी है लेकिन इसमें किसी तरह की ढील या भ्रष्टाचार की संभावना को खत्म करना equally जरूरी हो गया है।

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