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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का मलेशिया दौरा: 12वीं आसियान रक्षा मंत्री बैठक में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का मलेशिया दौरा: 12वीं आसियान रक्षा मंत्री बैठक में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज मलेशिया रवाना हो रहे हैं, जहां वे 12वीं आसियान रक्षा मंत्री बैठक (ADMM-Plus) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह बैठक 1 नवंबर को कुआलालंपुर में आयोजित की जाएगी।

नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज, गुरुवार को मलेशिया के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए हैं। वे वहां 1 नवंबर को आयोजित होने वाली 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) में हिस्सा लेंगे। यह यात्रा भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” को और मजबूती देने तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को गहरा करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

राजनाथ सिंह ने खुद साझा की जानकारी

रक्षा मंत्री ने अपने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पोस्ट के माध्यम से इस यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, मैं 30 अक्टूबर को नई दिल्ली से मलेशिया के कुआलालंपुर के लिए रवाना हो रहा हूं। वहां मैं इस वर्ष की आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) में हिस्सा लूंगा, जो 1 नवंबर को आयोजित हो रही है। उन्होंने बताया कि वे मलेशिया में आयोजित होने वाले मंच पर “एडीएमएम-प्लस के 15 साल: चिंतन और आगे की राह तैयार करना” विषय पर संबोधन देंगे। 

इसके साथ ही वे 31 अक्टूबर को आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की दूसरी अनौपचारिक बैठक में भी शामिल होंगे, जिसकी अध्यक्षता मलेशिया करेगा। इस बैठक में सभी 10 आसियान सदस्य देशों के रक्षा मंत्री भाग लेंगे।

भारत-आसियान रक्षा सहयोग पर फोकस

राजनाथ सिंह की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को सशक्त करना है। भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के तहत दक्षिण-पूर्व एशिया भारत की विदेश नीति का अहम स्तंभ है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह इस दौरान एडीएमएम-प्लस सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें भी करेंगे। 

इसके अलावा, वे मलेशिया के वरिष्ठ नेतृत्व से भी मुलाकात कर सुरक्षा, रक्षा उद्योग, समुद्री सहयोग, आतंकवाद निरोध और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा करेंगे। मैं हिस्सा लेने वाले एडीएमएम-प्लस देशों के समकक्षों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं,” — राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा।

क्या है ADMM-Plus?

आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM) दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) का सबसे ऊंचा रक्षा परामर्श और सहयोग मंच है। इसका “प्लस” स्वरूप यानी ADMM-Plus उन आठ संवाद साझेदार देशों को भी शामिल करता है जो आसियान के साथ सुरक्षा और रणनीतिक संबंध साझा करते हैं।

  • आसियान के 10 सदस्य देश हैं: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, तिमोर-लेस्ते और वियतनाम।
  • वहीं ADMM-Plus के आठ संवाद साझेदार हैं: भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड।

यह मंच इन देशों के बीच रक्षा सहयोग, संयुक्त अभ्यास, समुद्री सुरक्षा और मानवीय सहायता को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

भारत और आसियान के बीच 30 वर्षों की साझेदारी

भारत और आसियान के बीच संबंध तीन दशकों से अधिक पुराने हैं। 1992 में भारत आसियान का संवाद साझेदार (Dialogue Partner) बना था। इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच व्यापार, कनेक्टिविटी, समुद्री सहयोग और रणनीतिक साझेदारी में लगातार विस्तार हुआ है। पहली ADMM-Plus बैठक वर्ष 2010 में वियतनाम के हनोई में आयोजित हुई थी। तब से यह मंच हर साल सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा और नए प्रस्तावों पर चर्चा के लिए मिलन बिंदु बन गया है।

भारत वर्तमान में मलेशिया के साथ 2024-2027 चक्र के लिए आतंकवाद निरोध (Counter-Terrorism) पर विशेषज्ञ कार्य समूह का सह-अध्यक्ष है। यह समूह क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और जानकारी साझा करने पर केंद्रित है। साथ ही, आसियान-भारत समुद्री अभ्यास (AIMEA) का दूसरा संस्करण 2026 में आयोजित किया जाना तय है, जो दोनों पक्षों के बीच समुद्री सुरक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा।

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