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पहली बार महिला अधिकारी बनीं RPF प्रमुख, सोनाली मिश्रा ने संभाली कमान

पहली बार महिला अधिकारी बनीं RPF प्रमुख, सोनाली मिश्रा ने संभाली कमान

भारतीय रेलवे सुरक्षा बल यानी आरपीएफ के इतिहास में पहली बार एक महिला अधिकारी ने सबसे ऊंचे पद पर जिम्मेदारी संभाली है। 1993 बैच की सीनियर आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा को आरपीएफ का नया महानिदेशक बनाया गया है। केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी थी और अब उन्होंने औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण कर लिया है।

आरपीएफ की स्थापना 1882 में हुई थी और तब से अब तक इसका नेतृत्व हमेशा पुरुष अधिकारियों के हाथ में रहा है। अब पहली बार इस परंपरा को तोड़ते हुए एक महिला अधिकारी को कमान सौंपी गई है।

मध्य प्रदेश कैडर की हैं सोनाली मिश्रा

सोनाली मिश्रा मूल रूप से मध्य प्रदेश कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें 31 अक्टूबर 2026 तक आरपीएफ का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। इस पद पर नियुक्त होते ही उन्होंने इतिहास रच दिया है और महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

तीन दशकों का गहरा अनुभव

सोनाली मिश्रा पुलिस सेवा में तीन दशक से ज्यादा का अनुभव रखती हैं। उनकी पहचान एक तेज-तर्रार, अनुशासित और कर्मठ अधिकारी के रूप में रही है। आरपीएफ में आने से पहले वे मध्य प्रदेश पुलिस के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं। वे भोपाल स्थित पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर थीं और मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी की निदेशक भी रह चुकी हैं।

सीबीआई, बीएसएफ और अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी शामिल

सोनाली मिश्रा का कार्यक्षेत्र केवल राज्य स्तर तक सीमित नहीं रहा है। वे भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कोसोवो शांति मिशन में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जहां उनके कार्य की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई थी।

पदभार संभालते ही दिया पहला बयान

आरपीएफ की कमान संभालते ही सोनाली मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे बल के आदर्श वाक्य "यशो लभस्व" को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी। इस आदर्श वाक्य का अर्थ है – सतर्कता, साहस और सेवा। उन्होंने सरकार और विभाग का धन्यवाद करते हुए भरोसा जताया कि वे इस भूमिका में अपना सर्वश्रेष्ठ देंगी।

क्या होता है रेलवे सुरक्षा बल का काम

रेलवे सुरक्षा बल भारत के सबसे बड़े सुरक्षा बलों में से एक है, जिसका मुख्य काम भारतीय रेल नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। आरपीएफ की जिम्मेदारी पूरे देश के रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों, यार्ड्स और अन्य रेलवे परिसरों की सुरक्षा की होती है। इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा, चोरी रोकना, मानव तस्करी पर नजर रखना और आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर कार्रवाई करना भी इसका हिस्सा है।

महानिदेशक का क्या होता है वेतनमान

आरपीएफ के महानिदेशक यानी DG को केंद्र सरकार के नियमों के तहत वेतन दिया जाता है। उनका मूल वेतन 2 लाख 25 हजार रुपये प्रतिमाह होता है। इसके साथ ही उन्हें महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। यह पद भारतीय सुरक्षा बलों में सबसे प्रतिष्ठित और वरिष्ठ पदों में गिना जाता है।

महिला नेतृत्व की नई मिसाल

सोनाली मिश्रा की यह नियुक्ति केवल एक पद पर बदलाव नहीं है, बल्कि यह देश की कानून व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाता है। आज जब महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं, ऐसे में आरपीएफ जैसी पारंपरिक और पुरुष-प्रधान संस्था में महिला नेतृत्व का आना एक अहम मोड़ माना जा रहा है।

रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा में होगा नया बदलाव

सोनाली मिश्रा के नेतृत्व में आरपीएफ के कामकाज में नए बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। उनकी कार्यशैली, तकनीकी दृष्टिकोण और महिला सुरक्षा को लेकर सजगता इस बल को और अधिक आधुनिक और उत्तरदायी बना सकती है। खास तौर पर रेलवे में महिलाओं की यात्रा को सुरक्षित बनाने की दिशा में उनके नेतृत्व से उम्मीदें काफी हैं।

पदभार ग्रहण समारोह में दिखा उत्साह

सोनाली मिश्रा के पदभार संभालने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी और रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे। वहां कर्मचारियों और अधिकारियों में विशेष उत्साह देखा गया। सभी ने खुले दिल से उनका स्वागत किया और उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में आरपीएफ नई ऊंचाइयों को छुएगा।

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